हिमाचल में स्कूल प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए सरकार ने किया बड़ा बदलाव, 805 पद भरे जाएंगे
हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्कूलों में प्रधानाचार्य पदोन्नति प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब प्रवक्ता और मुख्याध्यापक नियमित रूप से पदोन्नत होंगे। शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में डीपीसी होगी, और 805 पदों को भरने की स्वीकृति दी गई है। यह निर्णय दो वर्षों से लंबित प्रक्रिया को सुधारेगा और पात्र शिक्षकों को लाभान्वित करेगा। स्कूल लेक्चरर संघ ने इस बदलाव का स्वागत किया है।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रधानाचार्य पदोन्नति नियमों में बदलाव किया है। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। प्रवक्ता व मुख्याध्यापक पद से प्रधानाचार्य पद पर अब नियमित पदोन्नति होगी। पिछले कई वर्षों से प्लेसमेंट आधार पर पद भरे जा रहे थे।
सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इसकी मंजूरी दे दी है। पदोन्नति में दूसरा बड़ा बदलाव इसकी प्रक्रिया में किया गया है। सरकार ने अब पदोन्नति प्रक्रिया ही बदल दी है।
शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में होगी डीपीसी बैठक
पहले प्रधानाचार्य पद की पदोन्नति राज्य लोक सेवा आयोग में होती थी। अब शिक्षा सचिव के स्तर पर ही होगी। शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में गठित विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक होगी। कमेटी में निदेशक शिक्षा सहित विशेष, उप या अतिरिक्त सचिव स्तर का अधिकारी होगा।
805 पद पदोन्नति से भरने को मंजूरी
बैठक में 805 प्रधानाचार्यों के पदों को पदोन्नति से भरने को मंजूरी दे दी है। पिछली मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस मामले पर चर्चा हुई थी। इस पर मंत्रिमंडल ने कार्मिक विभाग से राय मांगी थी। इसमें पूछा था कि क्या विभागीय स्तर पर पदोन्नति की जा सकती है। कार्मिक विभाग से मंजूरी मिलने के बाद अब यह निर्णय लिया है।
दो वर्ष से लंबित है प्रक्रिया
दो वर्षों से पदोन्नति प्रक्रिया लंबित है। करीब 805 पद प्रधानाचार्य के खाली है। इन पदों के लिए पैनल तैयार करना व हर दस्तावेजों की जांच करने की प्रक्रिया लंबी चौड़ी है। इसमें जितनी देरी होगी उतना मामला और पेचीदा होता जाएगा, इसलिए एक ही बार में सारे पदों को भर दिया जाएगा।
27 मई 2023 के बाद नहीं हुई है पदोन्नति
27 मई 2023 को विभाग ने मुख्याध्यापक व प्रवक्ताओं को पदोन्नत कर प्रधानाचार्य बनाया था। कुछ शिक्षकों को उसी वर्ष दिसंबर में पदोन्नत कर प्रधानाचार्य के पद पर प्लेसमेंट दी थी। वरिष्ठ शिक्षक को खाली प्रधानाचार्य के पद का अतिरिक्त कार्यभार दिया है। पदोन्नति में देरी का सबसे बड़ा नुकसान शिक्षकों को हो रहा है। कई शिक्षक पदोन्नति के पात्र हैं लेकिन पदोन्नति न होने से वह सेवानिवृत हो रहे हैं।
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स्कूल लेक्चरर संघ ने किया निर्णय का स्वागत
प्रदेश स्कूल लेक्चरर संघ ने प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए प्रक्रिया में बदलाव का स्वागत किया है। मुख्य मीडिया सचिव राजन शर्मा ने कहा कि इस निर्णय से प्रिंसिपल पदोन्नति सूची जारी करने में तेजी से कार्य होगा।

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