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    हिमाचल में कब होंगे पंचायत चुनाव, सरकार ने आचार संहिता का क्या तोड़ निकाला; क्या मंत्रिमंडल के फैसले के बाद गहराएगा टकराव?

    By Yadvinder Sharma Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 05:36 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर सरकार और चुनाव आयोग के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है। सरकार ने आचार संहिता से बचने के लिए नया तरीका निकाला है, जिससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। मंत्रिमंडल के फैसले के बाद टकराव की आशंका बढ़ गई है।

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    हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव पर टकराव बढ़ गया है। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने पंचायतों के पुनर्गठन को मंजूरी प्रदान कर दी है। ये मंजूरी हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायतों और शहरी निकायों की सीमाओं में किसी भी प्रकार के बदलाव पर आदर्श चुनाव आचार संहिता की धारा 12.1 के तहत लगाई गई रोक के बाद प्रदान की गई है। 

    ऐसे में पंचायतों की सीमाओं में बदलाव होने से अब 31 जनवरी से पूर्व तय समय सीमा में चुनाव होना संभव नहीं है। ऐसे में पंचायत चुनाव अप्रैल-मई में हो सकते हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण चुनावी की सारी प्रक्रिया अब दोबारा से नए सिरे से होगी। 

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    पंचायतों से नए सिरे से प्रस्ताव मांगे जाएंगे

    मंत्रिमंडल द्वारा पंचायतों के पुनर्गठन को मंजूरी प्रदान करने से अब नए सिरे से पंचायतों की सीमाओं में बदलाव और नई पंचायतों के गठन को लेकर प्रस्ताव मांगे जाएंगे। यही नहीं पंचायतों के पुनर्गठन को मंजूरी प्रदान करने के बाद कम से कम दो सप्ताह का समय आपत्तियों और सुझाव के लिए दिया जाएगा। 

    मतदाता सूचियों पर पड़ेगा सीधा असर

    सीमाओं में बदलाव का सीधा असर मतदाता सूचियों पर पड़ेगा। मतदाता सूचियों का ड्राफ्ट सीमाओं में बदलाव और जनसंख्या में आए बदलाव के आधार पर होगा।  अभी तक प्रदेश के जिला उपायुक्तों ने राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशाें के तहत जारी की गई मतदाता सूचियों को अधिसूचित ही नहीं किया है। 

    सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत छह माह पूर्व 1 अगस्त से शुरू की थी चुनावी प्रक्रिया

    हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत पंचायतों और शहरी निकायों के कार्यकाल के समाप्त होने से छह माह पूर्व यानी 1 अगस्त 2025 से चुनावी प्रक्रिया को शुरू कर दिया था। जिसमें पंचायतों के पुनर्गठन के लिए करीब दो माह लग गए थे। उसमें भी आपदा के कारण पुनर्गठन न होने की बात की थी। 

    राज्य निर्वाचन आयोग कर चुका है ये प्रक्रियाएं पूरी

    • पंचायती राज संस्थाओं की 3577 ग्राम पंचायतों, 90 पंचायत समितियों, 11 जिला परिषदों और 71 शहरी निकायों की सीमांकन प्रक्रिया पूरी व अंतिम रूप से प्रकाशन। 
    • 3548 ग्राम पंचायतों और 70 शहरी निकायों की मतदाता सूचियां विधि अनुसार तैयार। 
    • 29 ग्राम पंचायतों की एक दिसंबर व एक शहरी निकाय की मतदाता सूचियां 7 दिसंबर को होंगी प्रकाशित। 

    31 जनवरी को पूरा हो रहा पंचायतों का कार्यकाल

    पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 31 जनवरी 2026 को पूरा हो रहा है। वहीं, 50 शहरी निकायों का कार्यकाल 18 जनवरी 2026, चार नगर निगम धर्मशाला, पालमपुर, मंडी, सोलन का 13 अप्रैल 2026 और नगर पंचायत अंब, चिरगांव, कंडाघाट, नेरवा, निरमंड का कार्यकाल 16 अप्रैल 2026 को पूरा हो रहा है।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल कैबिनेट ने चुनाव पर गतिरोध के बीच पंचायत पुनर्गठन को दी मंजूरी, निर्वाचन आयोग ने लगाई है रोक; बढ़ेगा टकराव 

    पंचायत चुनाव मुख्य बिंदु

    • 3577 ग्राम पंचायतों का सीमांकन पूरा
    • 3548 पंचायतों की मतदाता सूचियां तैयार
    • 29 पंचायतों व 1 शहरी निकाय की मतदाता सूचियां दिसंबर में आनी हैं।

    मंत्री बोले आपदा प्रबंधन अधिनियम से रोक का नहीं असर

    राजस्व मंत्री जगत सिहं नेगी ने पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों की सीमाओं में बदलाव पर लगाई गई निर्वाचन आयोग की रोक को लेकर कहा कि प्रदेश में आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू है। ऐसे में ये रोक मान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पंचायतों में बदलाव को लेकर दोबारा से प्रस्ताव मांगे जाएंगे और नई पंचायतें भी बन सकती हैं। 

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    हम तो चाहते हैं समय पर चुनाव हों : अनिरुद्ध

    ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हम तो चाहते हैं समय पर चुनाव हों। मामला न्यायालय में भी लंबित हैं और प्रदेश में आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू है।