हिमाचल कैबिनेट ने चुनाव पर गतिरोध के बीच पंचायत पुनर्गठन को दी मंजूरी, निर्वाचन आयोग ने लगाई है रोक; बढ़ेगा टकराव
हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में पंचायत चुनावों के बीच पंचायतों के पुनर्गठन को मंजूरी दी है। निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता के चलते इस पर रोक लगाई है, जिससे सरकार और आयोग के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव
जागरण टीम, शिमला। हिमाचल प्रदेश कैबिनेट बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई। पंचायत चुनाव को लेकर भी कैबिनेट में चर्चा की गई। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में पंचायतों का पुनर्गठन करने का निर्णय लिया है।
निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता की धारा 12.1 लागू कर सीमाओं में बदलाव पर रोक लगाई है। कैबिनेट के इस निर्णय से अब सरकार और निर्वाचन आयोग आमने-सामने आ गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने तर्क दिया था कि चुनाव जब पांच महीने का समय रहे तो पंचायत सीमाओं में बदलाव नहीं किया जा सकता है।
आचार संहिता का क्लॉज लागू करने के बावजूद हिमाचल मंत्रिमंडल ने पंचायतों सहित दो विकास खंडों के पुनर्गठन को भी मंजूरी दे दी है। हमीरपुर जिले में बमसन और हमीरपुर विकास खंडों का पुनर्गठन किया जाएगा।
पंचायती राज मंत्री बोले, मामला अभी कोर्ट में
कैबिनेट निर्णयों की ब्रीफिंग के दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने डिजास्टर एक्ट का हवाला देकर चुनाव में देरी की बात कही। वहीं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने मामला कोर्ट में होने की बात कही। 22 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई होनी है।
पंचायत चुनाव में देरी पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, इस पर कोर्ट सरकार व निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर चुका है।
मनरेगा के तहत रोजगार दिवस बढ़ाए, रिटेनिंग दीवार लगाने को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने कई निर्णयों पर मुहर लगाई। साथ ही मनरेगा के तहत रोजगार दिवसों को बढ़ाकर 150 दिन करने तथा व्यक्तिगत कार्यों हेतु दो लाख रुपये तक की रिटेनिंग दीवारों के निर्माण को मंजूरी दी। इस कारण पंचायतों में लोगों के इस तरह के कार्य हो सकेंगे।
सरकार दे रही डिजास्टर एक्ट का हवाला
हिमाचल प्रदेश की पंचायतों में दिसंबर या जनवरी में चुनाव करवाए जाने प्रस्तावित हैं। लेकिन सरकार डिजास्टर एक्ट लागू होने का हवाला देकर चुनाव न करवाने की बात कह रही है। बरसात के मौसम में हिमाचल में अत्याधिक नुकसान हुआ है। सरकार का कहना है कि हालात पूरी तरह से सामान्य होने पर ही चुनाव करवाए जाएं।

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