हिमाचल प्रदेश में होगी 4 वर्षीय बीएड डिग्री, इन चार महाविद्यालयों का चयन; शिक्षक भर्ती के लिए बदलेगी पात्रता
हिमाचल प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अब 4 वर्षीय बीएड डिग्री कोर्स शुरू होगा, जिसके लिए चार महाविद्यालयों का चयन किया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षक भर्ती की पात्रता में भी बदलाव किया जाएगा, जिसमें 4 वर्षीय बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिकता मिलेगी। इस निर्णय से छात्रों को काफी फायदा होगा।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक और बड़ा बदलाव किया है। विद्यार्थी राज्य के सरकारी कॉलेज से बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) की चार वर्षीय डिग्री कर सकेंगे। यह बदलाव शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू होगा। बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्र बीएड में दाखिला ले सकेंगे।
सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कार्यक्रम शुरू करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। इसकी शुरुआत 4 सरकारी कॉलेज धर्मशाला, नादौन, चायल कोटी और टिक्कर से होगी।
एचपीयू को पाठ्यक्रम तैयार करने का निर्देश
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसका प्रविधान किया गया है। जिसे अब राज्य में भी लागू कर दिया गया है। शिक्षा विभाग पहले ही एचपीयू को इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश जारी कर चुका है। हिमाचल पिछले करीब दो साल पहले इस पर काम कर रहा है।
अभी 2 साल की है बीएड, आरएंडपी नियम बदलेंगे
हिमाचल में मौजूदा समय में बीएड की डिग्री 2 साल की होती है। अभी तक बीएड में दाखिला स्नातक डिग्री पूरी होने के बाद मिलता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार वर्ष 2030 के बाद शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता 4 वर्षीय डिग्री कोर्स की ही होगी।
पुराने डिग्री धारकों को करवाया जा सकता है ब्रिज कोर्स
टीजीटी व स्कूल लेक्चरर के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में भी बदलाव करना पड़ेगा। क्योंकि अभी तक इसके लिए दो साल की बीएड डिग्री ही मान्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रविधान के अनुसार वर्ष 2030 के बाद केवल 4 वर्षीय बीएड डिग्री वाले ही नौकरी के पात्र होंगे। पहले बीएड डिग्री वालों को नौकरी कैसे मिलेगी, इस पर भी अभी मंथन चल रहा है। इसके लिए इन्हें ब्रिज कोर्स करवाया जा सकता है।
बीएड की खाली रह जाती हैं सीटें
हिमाचल में बीएड के 73 बीएड कॉलेज हैं। इनमें 8000 बीएड की सीटें हैं। ये भी खाली रह जाती हैं। चूंकि अब पूरा पाठ्यक्रम ही बदल रहा है, ऐसे में बीएड भी अब बीए, बीएससी व बीकॉम की तरह ही होगी। यानी दाखिले अब बढ़ सकते हैं।
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हमीरपुर कॉलेज विज्ञान महाविद्यालय, बीएसई बीएड भी होगी
राज्य मंत्रिमंडल ने हमीरपुर कॉलेज को पूर्ण रूप से विज्ञान महाविद्यालय में परिवर्तित करने की मंजूरी दे दी है। यहां पर एकीकृत बीएड (बीएसई) कार्यक्रम शुरू करने को मंजूरी दी गई। हमीरपुर के लड़कों और लड़कियों के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों का विलय कर इसे सह-शिक्षा मॉडल के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया गया।
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कांगड़ा में बनेगा फाइन आर्ट कॉलेज
कैबिनेट ने शिमला जिला के सरस्वती नगर कॉलेज में दो वर्षीय बीपीएड कार्यक्रम और लहाराब (शिमला) और हरिपुर-गुलेर (कांगड़ा) में फाइन आर्ट्स विषय शुरू करने को मंजूरी दी है। कांगड़ा जिला के हरिपुर-गुलेर के मौजूदा कॉलेज को फाइन आर्ट्स कॉलेज में परिवर्तित करने को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

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