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    अब तक 170 की मौत... हिमाचल में कुदरत ने मचाया हाहाकार, आज इन जिलों के लोग रहें सावधान

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 08:17 AM (IST)

    Himachal Rain हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चंबा में बादल फटने से छह घर क्षतिग्रस्त हो गए एक पशुशाला ढह गई और कई जानवर बह गए। भूस्खलन से कई घर प्रभावित हुए हैं। कांगड़ा में भूस्खलन से एक स्कूटी सवार की जान चली गई। रामपुर में भारी बारिश से पुलिया बह गईं।

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    हिमाचल में कुदरत ने मचाया हाहाकार, अब तक 170 की मौत (जागरण फोटो)

    जागरण टीम, शिमला। Himachal Disaster: प्रदेश में 24 घंटे में कई जिलों में जोरदार वर्षा से जनजीवन प्रभावित हुआ है। चंबा के भटियात की जंद्रोग पंचायत में मंगलवार रात बादल फटा।

    इससे गांव भगसियार व ढलियार में भारी नुकसान हुआ। लोगों ने भागकर जान बचाई। नाले में आई बाढ़ (Himachal rain fury) से भारी मात्रा में आए मलबे से छह मकान क्षतिग्रस्त हो गए। एक पशुशाला ढह गई। एक गाय व 35 बकरियां बह गईं।

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    चुराह की पंचायत मंगली के भोड़ास गांव में भूस्खलन से कई घर चपेट में आए हैं। तीन घरों को काफी क्षति पहुंची है, जबकि अन्य में पानी व मलबा घुस गया।

    बुधवार को बारालाचा, शिंकुला व रोहतांग की चोटियों पर हिमपात हुआ। कांगड़ा जिले के शाहपुर उपमंडल के करेरी में मूसलधार वर्षा से पहाड़ी से हुए भूस्खलन ने स्कूटी सवार की जान ले ली।

    24 वर्षीय गोविंद कुमार पुत्र उत्तम चंद निवासी करेरी तहसील शाहपुर मंगलवार सायं करीब सात बजे स्कूटी पर धर्मशाला से घर जा रहा था। घर से पांच किलोमीटर दूर खड़ीबही गांव में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से घायल हो गया।

    लोगों ने उसे टांडा मेडिकल कालेज पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। युवक धर्मशाला में नौकरी करता था और उसके पिता भेड़पालक हैं।

    शिमला के रामपुर उपमंडल के पंद्रह बीस क्षेत्र की कूट पंचायत में मंगलवार देर रात तेज वर्षा से खड्ड का जलस्तर बढ़ने से चार पुलियां बह गईं। कई बीघा जमीन व बिजली के दो खंभे बह गए। संभावना जताई जा रही है कि पहाड़ी पर बादल फटने से नुकसान हुआ है। खड्ड का बहाव गांव की ओर मुड़ने से ग्रामीण डरे हुए हैं।

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    अब तक 170 की मौत

    राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, जारी मानसून के कहर के कारण मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 170 हो गई है, जिनमें से 94 मौतें सीधे तौर पर भूस्खलन, अचानक बाढ़ और मकान ढहने जैसी वर्षाजनित घटनाओं से जुड़ी हैं।

    इसके अलावा, 76 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं, जिनमें से कई लगातार बारिश के कारण फिसलन भरी सड़कों, गिरते मलबे और खराब दृश्यता का परिणाम मानी जा रही हैं।

    प्रदेश में पांच अगस्त तक भारी वर्षा की संभावना

    मौसम विभाग ने पांच अगस्त तक भारी वर्षा की संभावना जताई है। 31 जुलाई को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है।

    पहली अगस्त को शिमला, सोलन और सिरमौर, दो को ऊना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर, तीन को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी व सिरमौर में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। चार व पांच अगस्त को भी कई जिलों में अलर्ट रहेगा।

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