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    Himachal Weather: धीमी पड़ी मानसून की रफ्तार, अधिकतर इलाकों में खिली रहेगी धूप, जानिए कैसा रहेगा मौसम का हाल?

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News Network
    Updated: Fri, 08 Sep 2023 07:57 AM (IST)

    Himachal Weather Update हिमाचल प्रदेश में आज अधिकतर स्थानों पर धूप खिले रहने की संभावना है। हालांकि एक दो जगहों पर हल्की बारिश का अनुमान है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार अगले 5 दिनों तक प्रदेश में मानसून के इसी तरह कमजोर बने रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने मानसून की रफ्तार धीमी पड़ने की बात कही है।

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    हिमाचल प्रदेश में मानसून की धीमी पड़ी रफ्तार (फाइल फोटो)।

    शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Weather Update: बारिश के कारण इस बार हिमाचल प्रदेश में काफी बुरे हालात देखने को मिले। जहां एक ओर लोगों ने अपनी जान गंवाई, वहीं राज्य को आर्थिक राजस्व में करोड़ों का नुकसान हुआ। लेकिन, मौसम विभाग के पुर्वानुमान के अनुसार, अब हिमाचल में मानसून की रफ्तार थमती नजर आ रही है।

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    अधिकतर हिस्सों में धूप खिले रहने की संभावना

    मौसम विभाग (Weather Department) के जारी किए गए पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेश के अधिकतर हिस्सों पर धूप के खिलने की संभावना है। हालांकि, एक-दो जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है। शिमला में अधिकतम तापमान 23 जबकि न्यूनतम तापमान 16 रहेगा। ऊना में अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम तापमान 22 रहेगा। कांगड़ा में अधिकतम तापमान 34 और न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रहेगा।

    मानसून की सक्रियता में आई कमी

    मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों तक प्रदेश में मानसून के कमजोर पड़ने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना है कि अब मानसून में पहले जैसी सक्रियता नहीं रहेगी। राजधानी शिमला में 10 मिमी, कुफरी में 12 मिमी और रोहडू में हल्की बारिश हुई। इसके अतिरिक्त प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।

    मानसूनी सीजन ने मचाई प्रदेश में तबाही

    मानसून के चलते इस बार हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही देखने को मिली थी। 24 जून से 6 सितंबर तक 408 लोग इन मानसूनी सीजन की मार झेल चुके हैं और अपनी जान गवां बैठे है। वहीं, राज्य में 2558 घर ढह गए हैं। जबकि, 10891 को आंशिक क्षति हुई है। इसके साथ ही राज्य में भूस्खलन और अचानक बाढ़ जैसी कई समस्याओं के कारण लोगों और मवेशियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।