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    Himachal Weather: चार दिनों तक छाया रहेगा घना कोहरा, बारिश और बर्फबारी की संभावना; जानें मौसम का ताजा हाल

    हिमाचल प्रदेश में शुष्क ठंड से राहत नहीं मिलने की उम्मीद नहीं है। अगले चार दिन तक घना कोहरा छाया रहेगा। मंडी बिलासपुर ऊना और कुछ अन्य स्थानों पर सुबह-शाम विजिबिलिटी कम होगी जिससे यातायात सेवाएं प्रभावित होंगी। 15 और 16 नवंबर को कुछ ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात और वर्षा की संभावना है। न्यूनतम तापमान में दो डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है।

    By Yadvinder Sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 13 Nov 2024 08:24 AM (IST)
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    हिमाचल प्रदेश में शुष्क ठंड से राहत नहीं मिलने की उम्मीद नहीं (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला।  प्रदेश में शुष्क ठंड से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले चार दिन तक मंडी, बिलासपुर, ऊना और कुछ अन्य स्थानों पर सुबह व शाम घना कोहरा छाया रहेगा। इससे यातायात सेवाएं प्रभावित होंगी। 15 व 16 नवंबर को एक-दो ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात और वर्षा की संभावना है।

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    न्यूनतम तापमान में दो डिग्री तक गिरावट

    मंगलवार को घने कोहरे और हल्की धूप के साथ दिन की शुरुआत हुई। दोपहर बाद शिमला, मनाली व कुछ स्थानों पर बादल छाए रहे। करीब दो माह से शुष्क ठंड जारी है। रबी की फसलों की बुआई भी नहीं हो सकी है। न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है।

    डलहौजी में 2.1, मंडी, भुंतर और भरमैार में 1.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। शिमला, भुंतर और कांगड़ा में अधिकतम तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है।

    जानें कहां कितना तापमान

    स्थान न्यूनतम अधिकतम
    शिमला 10.7 20.4
    सुंदरनगर 9.3 26.6
    भुंतर 6.3 26.8
    कल्पा 2.0 18.3
    धर्मशाला 13.0 25.0
    ऊना 12.2 26.2
    नाहन 13.5 26.0
    केलंग 1.0 13.9
    सोलन 10.1 25.5

    (तापमान डिग्री सेल्सियस में)

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    कोहरे से निपटने में विभागीय कदम लड़खड़ाए

    सर्दियों का मौसम अब शुरू हो चुका है, लेकिन विभाग अब भी चैन की नींद सो रहे हैं। कोहरे के कारण हजारों वाहन चालकों को हर वर्ष परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई वाहन चालक जानलेवा धुंध से जान व कमाई तक गंवा चुके हैं, लेकिन विभाग इस दिशा में कोई प्रयास करते नजर नहीं आ रहे हैं।

    औद्योगिक शहर बद्दी, बरोटीवाला व नालागढ़ (बीबीएन) में हर दिन हजारों वाहनों की आवाजाही होती है। चंडीगढ़ से बद्दी, पंचकूला से बद्दी व पिंजौर, रोपड़, आनंदपुर व अन्य आसपास के शहरों से बद्दी के लिए लोगों की आवाजाही होती है। सर्दियों में बेतहाशा धुंध होने के कारण विजिब्लिटी जीरो तक पहुंच जाती है।

    धुंध व प्रदूषण की दोहरी मार

    औद्योगिक क्षेत्र में हरियाणा के पिंजौर शहर से नालागढ़ शहर तक फोरलेन का निर्माण कार्य चल रहा है। इस दौरान भारी मात्रा में धूल मिट्टी उड़ रही है। इसके साथ ही सीमावर्ती नदियों पर रोजाना शाम होते ही सैकड़ों स्थानों पर कबाड़ में आग लगा दी जाती है।

    उद्योगों व भट्ठों से निकलने वाला प्रदूषित धुआं पहले ही हवा में काली परत बना रहा है। सोमवार को भी दिनभर प्रदूषण के कारण सूरज के प्रत्यक्ष दर्शन शहर के लोगों को नहीं हुए।

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