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    Himachal Vidhan Sabha: विपक्ष ने दुकान आवंटन में लगाए धांधली के आरोप, मंत्री ने सिरे से किए खारिज, सदन में हंगामा

    Himachal Pradesh Vidhan Sabha हिमाचल प्रदेश विधानसभा में एपीएमसी शिमला और किन्नौर में दुकानों के आवंटन का मुद्दा उठा। विपक्षी दल भाजपा ने अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सदन में हंगामा किया और वाॅकआउट किया। कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आवंटन पारदर्शी तरीके से हुआ।

    By Jagran News Edited By: Rajesh Kumar Sharma Updated: Wed, 27 Aug 2025 12:47 PM (IST)
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    हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शिमला स्थित परिसर।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Vidhan Sabha, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान एपीएमसी शिमला और किन्नौर में दुकानों के आवंटन का मुद्दा प्रमुखता से गूंजा। इस दौरान विपक्षी दल भाजपा ने इस मामले में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सदन में हंगामा किया और फिर नारेबाजी करते हुए वाॅकआउट कर दिया।

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    विपक्षी भाजपा सदस्यों ने मामले की विजिलेंस या न्यायिक जांच की मांग उठाई, जबकि कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि दुकानों का आवंटन पूरी तरह से पारदर्शी और निर्धारित प्रक्रिया के तहत हुआ है।

    रणधीर शर्मा ने उठाया सवाल

    भाजपा विधायक सुधीर शर्मा (धर्मशाला) और रणधीर शर्मा (श्री नयना देवी) ने मूल प्रश्न उठाते हुए कहा कि शिमला और किन्नौर में दुकानों के आवंटन में भारी अनियमितताएं हुई हैं। रणधीर शर्मा ने अनुपूरक सवाल में आरोप लगाया कि शिमला में 70 दुकानों के लिए 133 आवेदन आए थे, जिनमें से 63 आवेदन मनमाने ढंग से रद कर दिए गए। उन्होंने कहा कि जांच केवल औपचारिकता रही, लेकिन आवंटन रद नहीं किए गए और 2021 की नीति की भी अवहेलना हुई।

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    कृषि मंत्री बोले, कोई धांधली नहीं हुई

    इस पर कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि पराला में 34, शिलारू में 28 और टूटू में 3 दुकानें आवंटन के लिए रखी गई थीं। इनके लिए बकायदा टेंडर जारी किए गए और आवेदन की पूरी छानबीन हुई। जिन आवेदनों में आवश्यक दस्तावेज पूरे नहीं थे, उन्हें ही रद किया गया।

    उन्होंने स्पष्ट किया कि आवंटन पूरी तरह 2021 की नीति के अनुसार हुआ है और इसमें किसी भी तरह की धांधली नहीं की गई है। मंत्री ने कहा कि भाजपा के विधायक बिना तथ्यों के हवा में आरोप लगा रहे हैं और आबंटन को रद्द करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।

    गड़बड़ी नहीं तो अधिकारी क्यों बदले?

    भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सवाल किया कि यदि आवंटन में कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो संबंधित अधिकारियों का तबादला क्यों किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों को बदलना इस बात का प्रमाण है कि सरकार कुछ छिपा रही है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच करवाई जाए। इस पर मंत्री ने फिर दोहराया कि अधिकारियों का तबादला सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है और भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं है।

    पराला मंडी में दुकानों के आवंटन की हो विजिलेंस जांच

    वहीं भाजपा विधायक बलबीर वर्मा ने पराला मंडी में दुकानों के आवंटन को लेकर विजिलेंस जांच की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि स्थानीय बागवानों को दुकानों में प्राथमिकता नहीं दी गई और इसमें भारी घोटाला हुआ है। इस पर कृषि मंत्री ने फिर कहा कि भाजपा विधायक केवल हवा में बातें कर रहे हैं और यदि वे लिखित रूप में कोई ठोस तथ्य देंगे तो उनकी छानबीन जरूर की जाएगी।

    जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया वाॅकआउट

    मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायक सदन में जोरदार नारेबाजी करने लगे और आखिरकार सदन से वाकआउट कर गए। 

    बिना तथ्यों के झूठे आरोप लगा रहा विपक्ष : चौहान

    विपक्ष के वाॅकआउट के बाद संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि वो बिना तथ्यों के झूठे आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी, तब जमीनें कौड़ियों के भाव बेची गईं। प्रगतिनगर में गत्ता फैक्टरी मात्र 90 लाख रुपये में बेची गई। ऐसे में भाजपा को दूसरों पर बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले अपने कार्यकाल की ओर देखना चाहिए।