Himachal Assembly: नेगी और जयराम में तकरार तेज, मंत्री ने मामला उठाया तो शुरू हो गया हंगामा, पनौती जैसे शब्द बोले
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के बीच तीखी नोकझोंक जारी है। नेगी ने विपक्ष पर सच से भागने का आरोप लगाया जबकि ठाकुर ने सरकार को पनौती बताया। दोनों नेताओं के बीच वाकयुद्ध से सदन में हंगामा हुआ और कार्यवाही बाधित हुई।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र में पहले दिन से शुरू हुआ राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और विपक्ष के बीच का तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा लगता है कि जगत सिंह नेगी व जयराम ठाकुर पिघलने को तैयार नहीं है। आज भी सदन में जब जगत सिंह नेगी ने प्वाइंट आफ आर्डर के तहत मामला उठाया तो काफी हंगामा देखने को मिला।
उसके बाद विधानसभा में मीडिया से बात करते हुए जगत सिंह नेगी ने कहा कि संविधान उन्हें सदन में बोलने का अधिकार देता है। लेकिन विपक्ष सच सुनना नहीं चाहता। इसलिए सदन में मेरा बहिष्कार कर रहा है।
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर जब सदन में नहीं थे तो बीते कल उनके विधायकों ने उनसे प्रश्न भी किए और सदन की कार्यवाही शांतिप्रिय ढंग से चली। लेकिन आज जब जयराम ठाकुर सदन में आए तो सदन नहीं चल पाया।
जयराम भाजपा व प्रदेश के लिए पनौती साबित हुए : नेगी
विपक्ष गुटों में बंटा हुआ है, भाजपा का एक गुट बहिष्कार करना चाहता है, जबकि दूसरा गुट उनसे प्रश्न करना चाहता है। ऐसे में विपक्ष दुविधा में है। जयराम ठाकुर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते आर्थिक स्थिति को सुधार नहीं सके। ऐसे में वह भाजपा व प्रदेश के लिए पनौती साबित हुए हैं।
सरकार व मंत्री पर सही साबित होता है पनौती शब्द
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष राजस्व मंत्री की बात सुनने के लिए बाध्य नहीं है। जगत सिंह नेगी की भाषा मर्यादाओं के विपरीत है। विधानसभा में मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार और राजस्व मंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “पनौती शब्द इस सरकार और राजस्व मंत्री पर पूरी तरह साबित होता है।”
मेरी चिंता छोड़ दें, अपनी कुर्सी की फिक्र करें सीएम
हिमाचल सरकार आपदा से निपटने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। जयराम ठाकुर ने विधानसभा की कार्यवाही पर भी सवाल उठाए और कहा कि सदन का न चलना और विपक्ष का वाॅकआउट करना सिर्फ एक मंत्री की वजह से हुआ है। “एक मंत्री के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता की चिंता नहीं है, उन्हें सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने की चिंता है। मेरी कुर्सी की चिंता छोड़ दें, अपनी कुर्सी की फिक्र करें।
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