Himachal Vidhan Sabha: विधानसभा में खूब गहमागहमी, सीएम सुक्खू का जयराम पर तंज ..एक घंटा राजनीति, सिर्फ 7 मिनट ही काम की बात
Himachal Pradesh Vidhan Sabha मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बिना नुकसान मुआवजा लेने वालों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों के साथ है और उन्हें हर संभव मदद दी जा रही है। तिरंगे का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Vidhan Sabha, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने संवेदनशील है और पूरी तन्मयता के साथ जनहित में कार्य कर रही है। प्राकृतिक आपदा के समय सरकार लोगों के साथ खड़ी रही। वे खुद आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने गए। उप मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया व नुकसान का जायजा लिया।
विपक्ष जो भी आरोप लगा रहा है वह पूरी तरह निराधार हैं। सोमवार को विधानसभा में नियम-67 के तहत हुई चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आरोपों का सीएम ने सिलसिलेवार जवाब दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के घर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, और उनके खाते में मुआवजे की राशि जारी हुई है तो उसकी जांच की जाएगी। यदि आरोप सही साबित हुए तो कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व मंत्री दौरे पर सराज में गए थे, जिन्हाेंने राहत में मुख्य कार्य करना था। वहां पर तिरंगे का अपमान किया गया। तिरंगे का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। मंत्री का सम्मान व तिरंगे झंडे का सम्मान करना सभी के लिए जरूरी है।
जयराम ठाकुर के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों पर एफआइआर की गई है वे यदि लिखकर माफी मांगे तो उनका नाम एफआइआर से हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने आपदा में अपना मकान खोया है, सरकार उन्हें रहने का किराया दे रही है। गांव में पांच हजार शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये किराया दिया जा रहा है।
1 घंटा राजनीति, 7 मिनट में सुझाव दिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने एक घंटे सात मिनट तक अपनी बात कही। एक घंटे वह केवल राजनीति करते रहे, अंत के सात मिनट सरकार को सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि 250 करोड़ रुपये प्रभावितों को अब तक जा चुके हैं। पहली किश्त दे दी गई है। दूसरी किस्त लोग इसलिए नहीं ले रहे हैं क्योंकि उन्होंने घर ही नहीं बनाया। पहली किस्त का पैसा उनके बैंक खाते में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास जमीन ही नहीं है इसलिए वो पैसा खर्च नहीं हुआ। दूसरी किश्त तब जारी होगी जब पहला पैसा खर्च हो जाएगा।
क्षेत्र विशेष नहीं पूरे प्रदेश के लिए हो आर्थिक मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को क्षेत्र विशेष नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए विशेष आर्थिक मदद चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य विशेष आर्थिक पैकेज मिलना चाहिए। केंद्र सरकार केवल प्रोजेक्ट स्पेसिफिक पैसा दे रही है, जो सही नहीं है। इस आपदा में उसका हिमाचल को कोई लाभ नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता पर आरोप लगाया कि उन्होंने केंद्र के पास जाकर एरिया स्पेसिफिक ग्रांट की डिमांड की है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। नुकसान पूरे प्रदेश में हुआ है और केंद्र को सभी के लिए मदद करनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष जहां कहेंगे सरकार शेल्टर होम बनाने को तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जहां कहेंगे वहां पर सरकार शेल्टर होम बनाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के पास जगह नहीं है। बिना वन भूमि के इस्तेमाल के हम कुछ नहीं कर सकते। केंद्र सरकार से इस मामले को गंभीरता से उठाया गया है और इसमें विपक्ष सहयोग करे तो केंद्र सरकार पर दबाव बनेगा। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर दिल्ली चलें, गंभीर विषय है, हिमाचल की चिंता है। इसपर केंद्र सरकार से पूरे राज्य की तरफ से मांग उठाएंगे। लोगों को पांच बीघा की बजाय एक बीघा जमीन भी मिल जाए तो भी वह खुश हैं। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम (फॉरेस्ट राइट एक्ट) को बदलना बेहद ज्यादा जरूरी है। यह केवल केंद्र सरकार ही कर सकती है जिसमें विपक्ष को सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को मिलकर काम करना होगा ताली एक हाथ से नहीं बजती।
नेता प्रतिपक्ष कंफ्यूज
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर खूब तंज कसा। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कंफ्यूज हैं इसलिए सही तरह से नहीं बोल पाए। पांच धड़ों में बंटे होने का दबाव उन पर है। उनके पास सही आंकड़े नहीं है। केंद्र सरकार एसडीआरएफ में व एनडीआरएफ में पैसा देती है जो उसका दायित्व है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में जो नुकसान हुआ था उसकी भरपाई दो साल बाद भी सही तरह से नहीं की। 1500 करोड़ दिए हैं वो प्रोजेक्ट स्पेसिफिक हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता दिल्ली गए लेकिन अभी तक वहां से कोइ विशेष मदद हासिल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता को हेलीकॉप्टर भी दिया ताकि वो दौरा कर सकें मगर फिर भी कटाक्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी गरीब का हक सरकार मरने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि 27 लोग शिमला में विश्वविद्यालय के पास शिव मंदिर में हुई घटना में मरे थे विश्वविद्यालय में नहीं। विश्वविद्यालय का मामला जयराम ठाकुर गलत जोड़ रहे हैं।
थुनाग कॉलेज मंडी से बाहर नहीं गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि थुनाग का कॉलेज मंडी से बाहर नहीं गया है। थुनाग में बच्चे सहमे हुए थे उन्होंने कहा कि यह जगह सुरक्षित नहीं है इसलिए सरकार ने वहां से बागवानी कॉलेज को बदला है। फार्मेसी कॉलेज भी नाले के पास बना है जिसे भी वहां से बदलना होगा क्योंकि कोई भी सरकारी संस्थान नालाें के नजदीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आज सराज क्षेत्र में बने रेस्ट हाउस लोगों को ठहरने के काम आ रहे हैं।
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