Himachal Vidhan Sabha: सर्वदलीय बैठक में ही नेता प्रतिपक्ष ने दिखाए तेवर, बोले- पांच लाख नौकरियों सहित ये सवाल पूछेंगे
Himachal Pradesh Vidhan Sabha हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है। सर्वदलीय बैठक में अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सहयोग की अपील की। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा प्रबंधन और बेरोज़गारी के मुद्दे उठाए। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार विपक्ष को बोलने का अवसर देगी।

अनिल ठाकुर, शिमला। Himachal Pradesh Vidhan Sabha, हिमाचल प्रदेश विधानसभा का 12 दिवसीय मानसून सत्र आज से शुरू हो गया। सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित दोनों दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सभी विधायकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि इस बार का सत्र अपेक्षाकृत लंबा है और इसमें प्रदेशहित के गंभीर विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। अब तक 1018 प्रश्न विधानसभा सचिवालय को प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें 815 तारांकित और 203 अतारांकित हैं। अध्यक्ष ने विश्वास जताया कि सत्र सौहार्दपूर्ण वातावरण में चलेगा और आपदा जैसे साझा मुद्दों पर सभी दल एकजुट होकर विचार करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने दिखाए तेवर
बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की खूबसूरती यही है कि विपक्ष अपनी बात रखे और सत्ता पक्ष जवाब दे। उन्होंने कहा कि प्रदेश लगातार प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है और हर साल बरसात में जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार ने रोजगार देने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए और पिछले तीन सालों से भर्ती प्रक्रियाएं ठप हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पांच साल में पांच लाख नौकरियों का वादा किया था, लेकिन अब तक उस दिशा में प्रगति नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष सत्र में आपदा प्रबंधन, बेरोज़गारी, आर्थिक संकट और सरकारी संस्थानों के स्थानांतरण जैसे मुद्दे मजबूती से उठाएगा।
विपक्ष को बोलने का पूरा अवसर देंगे : संसदीय कार्य मंत्री
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कांग्रेस सरकार चाहती है कि सत्र सुचारू रूप से चले। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में पहली बार मानसून सत्र को 12 दिन तक बढ़ाया गया है, ताकि विधायक अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को सदन में उठा सकें। हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार विपक्ष को हर मुद्दे पर बोलने का पूरा अवसर देगी और सकारात्मक सुझावों को अमल में लाने पर विचार किया जाएगा।
2023 की आपदा में 10,000 करोड़ का नुकसान, मिले 1500 करोड़
मंत्री ने कहा कि 2023 की आपदा में प्रदेश को 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, लेकिन केंद्र सरकार से केवल 1,500 करोड़ रुपये ही मिले। इस साल भी प्रदेश को अब तक लगभग ढाई हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि आज नियम 130 के तहत आपदा पर चर्चा होगी, और अगर विपक्ष नियम 67 के तहत चर्चा चाहता है, तो इसमें भी सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।
इन सवालों से सरकार को कठघरे में लाएगा विपक्ष
इस बार के मानसून सत्र में मुख्य रूप से प्राकृतिक आपदा प्रबंधन, बेरोज़गारी, आर्थिक संकट, कर्मचारियों के मसले और सरकारी नीतियों की पारदर्शिता पर चर्चा होने की संभावना है। विपक्ष ने संकेत दिए हैं कि वह इन विषयों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करेगा, जबकि सरकार ने कहा है कि वह जवाबदेही निभाने और रचनात्मक सुझावों को मानने के लिए तैयार है।
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