Himachal: अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर पूर्ण साक्षर राज्य बनेगा हिमाचल, पहाड़ी राज्य ने कैसे पाया यह मुकाम?
Himachal Pradesh Literacy हिमाचल प्रदेश 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर पूर्ण साक्षर राज्य बनने जा रहा है। 1947 में प्रदेश की साक्षरता दर केवल सात प्रतिशत थी। केंद्र सरकार के न्यू इंडिया लिटरेसी कार्यक्रम के तहत 44 हजार लोगों ने साक्षरता परीक्षा पास की है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Literacy, किसी भी देश की खुशहाली और विकास का आधार वहां के नागरिकों की शिक्षा है। शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पहाड़ी राज्य हिमाचल ने इस दिशा में सराहनीय प्रयास कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आठ सितंबर को ज्ञान का दीप जलाकर हिमाचल नया इतिहास रचेगा।
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर हिमाचल पूर्ण साक्षर राज्य बनने जा रहा है। केंद्र सरकार के मानकों को पूरा करने के बाद यह दर्जा हिमाचल को प्राप्त होगा। इस दिन राज्य अतिथि गृह पीटरहाफ में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
वर्ष 1947 में जब देश स्वतंत्र हुआ, तब हिमाचल की साक्षरता दर मात्र सात प्रतिशत थी। पहाड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए हिमाचल ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को प्राप्त किया है। राजधानी शिमला के राज्य अतिथि गृह पीटरहाफ में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बुधवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
44 हजार ने पास की परीक्षा
केंद्र सरकार का न्यू इंडिया लिटरेसी कार्यक्रम, जिसे उल्लास नाम दिया गया है, हिमाचल में सफलतापूर्वक चल रहा है। इस कार्यक्रम के तहत राज्य में एक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें एक लाख निरक्षर लोगों की पहचान की गई और उन्हें साक्षर बनाने का कार्य आरंभ किया गया। लगभग 44 हजार लोगों ने परीक्षा दी और वे साक्षर बन गए। अन्य की परीक्षा इसी महीने आयोजित की जाएगी।
वरिष्ठ नागरिक भी आएंगे समारोह में
उम्र के अंतिम पड़ाव में आकर साक्षरता की परीक्षा देने वाले वरिष्ठ नागरिकों को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा, जहां वे अपनी पढ़ाई के अनुभव साझा करेंगे। बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंव, उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा, स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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हर जनगणना में बढ़ती रही साक्षरता दर
- वर्ष साक्षरता दर पुरुष महिला
- 1951 7.98 12.97 2.49
- 1961 21.30 32.30 9.50
- 1971 31.96 43.19 20.23
- 1981 42.48 64.27 37.72
- 1991 63.54 75.36 52.13
- 2001 76.05 05.03 67.04
- 2011 82.80 89.53 75.93
इन मामलों पर भी की चर्चा
- स्कूल और कालेज संवर्गों की पदोन्नति के मामलों का जल्द निपटारा किया जाए।
- राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल और अटल आदर्श विद्यालयों का कार्यान्वयन की रिपोर्ट मांगी।
- ललित कला, मनोविज्ञान और लोक प्रशासन जैसे नए विषयों की शुरुआत होगी। इसकी प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा।
- बागबानी को एक व्यावसायिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। इसका पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश
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