हिमाचल में शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, कम छात्रों वाले स्कूलों में बदल जाएंगे टीचर; क्या होंगे नियम?
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग ने नए शैक्षणिक सत्र से पहले शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 20 या उससे कम छात्रों वाले स्कूलों में 3 या अधिक शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में बदला जाएगा। छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर नियुक्तियां होंगी। इस कदम से स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और बच्चों को बेहतर पढ़ाई का माहौल मिलेगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले शिक्षा विभाग ने कनिष्ट बुनियादी अध्यापक (जेबीटी) शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रदेश के ऐसे स्कूल जहां पर विद्यार्थियों की संख्या 20 व इससे कम है और वहां पर शिक्षक 3 या इस से अधिक है उन्हें बदल कर दूसरे स्कूलों में बदला जाएगा। छात्र शिक्षक अनुपात के तहत ही शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा।
निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग आशीष कोहली की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। सभी जिलों के उप शिक्षा निदेशकों को पत्र जारी कर उनसे ऐसे स्कूलों की सूची मांगी गई है। युक्तिकरण की प्रक्रिया के तहत पहले उन शिक्षकों को बदला जाएगा जिनका कार्यकाल एक स्थान पर ज्यादा हो चुका है।
विभाग ने स्कूलों को जो परफॉर्मा जारी किया है उसमें दो तरह की जानकारी तैयार करके भेजने को कहा गया है। इसमें पहले ऐसे स्कूलों की संख्या पूछी गई है जहां पर बच्चों की संख्या 20 व इससे कम है और वहां पर कितने शिक्षक है। दूसरे परफॉर्म के अनुसार ऐसे स्कूल जहां पर बच्चे तो ज्यादा है लेकिन शिक्षक कम है। यह रिकॉर्ड आने के बाद शिक्षकों को बदलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
आरटीई में यह है प्रावधान
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत स्कूलों में 60 बच्चों की संख्या पर कम से कम 2 शिक्षक होना अनिवार्य है। जबकि हिमाचल में स्थिति ऐसी नहीं है। यहां पर कई स्कूलों में बच्चों की संख्या 5 व 10 है और शिक्षक की संख्या तीन व इससे अधिक भी है।
शिक्षक राजनीतिक पहुंच से अपना तबादला रुकवा लेते हैं और सालों तक एक ही स्कूल में जमे रहते हैं। सरकार ने स्कूलों को भी मर्ज किया था। जिसके बाद अब अगली प्रक्रिया युक्तिकरण की अपनाई जा रही है।
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आंतरिक व्यवस्था से ही दूर होगी शिक्षकों की कमी
शिक्षा विभाग की इस आंतरिक व्यवस्था से स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी व बच्चों के लिए पढ़ाई का बेहतर माहौल बनेगा। ऐसे स्कूल जहां पर बच्चों की संख्या कम है वहां पर सीएचटी यानी केंद्र मुख्य अध्यापक नहीं रहेगा।
शिक्षा निदेशालय की ओर से यह कहा गया है कि बहुत से शिकायतें ऐसी मिल रही है कि स्कूलों में पदोन्नति के मामले लटके हुए हैं। हिमाचल में 2600 स्कूलों में केवल 1-1 ही शिक्षक तैनात है। पूर्व भाजपा सरकार के समय प्रदेश में 3400 स्कूल सिर्फ एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे थे।
पूर्व सरकार के समय में करीब 350 स्कूलों में स्थाई शिक्षक ही नहीं थे। अब ऐसे स्कूल 125 शेष रह गए हैं। विभाग आंतरिक व्यवस्था व नई भर्तियों के जरिए इस में सुधार कर रहा है।
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