हिमाचल में शिक्षकों की मौज, 700 पदों पर निकली भर्तियां; पढ़ें पूरा ब्योरा
हिमाचल में शिक्षा विभाग ने गुणवत्ता सुधार के लिए शिक्षकों की तैनाती का फॉर्मूला बदला है। अब सीधी भर्ती और बैच वाइज आने वाले शिक्षकों को पहले उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां छात्र संख्या ज्यादा है। हर विषय का शिक्षक स्कूल में हो इस पर जोर रहेगा। इसके बाद कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में शिक्षक तैनात किए जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, शिमला। शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की तैनाती का फॉर्मूला बदला है। सीधी भर्ती व बैच वाइज से आने वाले शिक्षकों को पहली नियुक्ति उन स्कूल व कॉलेजों में दी जाएगी, जहां पर विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है।
हर विषय का शिक्षक स्कूल में हो इसका प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद जिन स्कूलों में छात्र संख्या बहुत ही कम है, उनमें शिक्षक तैनात किए जाएंगे। सिंगल टीचर व बिना शिक्षक के कोई स्कूल नहीं रखा जाएगा।
700 स्कूल प्रवक्ताओं की होगी भर्ती
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में 700 स्कूल प्रवक्ताओं के पदों को भरने की प्रक्रिया चली हुई है।
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इसमें चयनित होकर आने वाले प्रवक्ताओं को इसी आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। युक्तिकरण से भी जो शिक्षक सरप्लस होंगे, उन्हें भी इसी आधार पर तैनाती दी जाएगी।
अब केवल 125 स्कूल बिना शिक्षकों के सहारे
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय 3400 स्कूलों में सिंगल टीचर थे। सरकार ने इन स्कूलों में शिक्षकों के पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की। अब इन स्कूलों की संख्या महज 2600 रह गई है।
पूर्व भाजपा सरकार में 350 स्कूलों में शिक्षक ही नहीं थे। सरकार ने यहां पर शिक्षकों की तैनाती की है। अब ऐसे स्कूलों की संख्या महज 125 रह गई है। भर्तियों की प्रक्रिया चली हुई है। जल्द ही यहां पर पूरे शिक्षक होंगे।
'केवल 60 बच्चों का नहीं हुआ दाखिला'
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार ने 1094 स्कूल मर्ज व बंद किया है। इनमें 675 स्कूल वह है, जिसमें कोई भी बच्चा नहीं था। केवल वहां शिक्षक ही थे। बाकी जो स्कूल मर्ज किए हैं या बंद किए हैं, उनमें केवल 674 बच्चे थे, जिनमें से 90 प्रतिशत बच्चों ने दाखिला ले लिया है। जिन 60 प्रतिशत बच्चों ने दाखिला नहीं लिया है। उनमें ज्यादातर शिमला जिला के हैं।
उप निदेशकों को निर्देश दिए हैं कि वह इसका पता लगाए कि उन्होंने दाखिला क्यों नहीं लिया। प्रारंभिक जानकारी जो विभाग के पास आई है, उसके अनुसार ये बच्चे प्रवासी मजदूरों के थे, जो काम के सिलसिले में यहां आते हैं और बाद में वापस लौट जाते हैं।
पूरी जानकारी आने के बाद इस पर स्थिति स्पष्ट की जाएगी। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर बच्चे का दाखिला स्कूल में हो और वह शिक्षा पूरी करें।
शिक्षा की गुणवत्ता पर की चर्चा
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि बीते रोज सभी जिलों के उप निदेशकों के साथ बैठक की है। बैठक में उप निदेशकों को निर्देश दिए हैं कि वह शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कार्य करें। सरकार की जो योजनाएं है, उन्हें धरातल पर उतारें।
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