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    हिमाचल सरकार की सुखाश्रय योजना से शिमला में 5 लड़कियों का घर बसा, प्रदेश में कितने लाभार्थी, कितनी मिलती है वित्तीय मदद?

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 03:26 PM (IST)

    Himachal CM Sukhashrya Yojna हिमाचल सरकार की मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना बेसहारा लड़कियों के विवाह में मदद कर रही है। शिमला जिले में 5 लड़कियों को वित्तीय सहायता मिली है। योजना के तहत 2 लाख रुपये की सहायता दी जाती है जिसमें से 60 हजार रुपये एफडी के रूप में रखे जाते हैं। विभूति मस्ताना जैसी कई लड़कियों को इस योजना से लाभ मिला है।

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    शिमला में सुखाश्रय योजना के तहत विवाह के बाद लड़की पति के साथ। डीपीआर

    जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सुख आश्रय चिल्ड्रन आफ द स्टेट योजना बेसहारा लड़कियों के घर बसा रही है। शिमला जिला में इस योजना के तहत 5 लड़कियों का विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना से चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट को काफी लाभ मिल रहा है। 

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    मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत जिन बच्चों के अभिभावक नहीं है, उनकी शादी के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 02 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया करवाई जाती है। इस राशि में से 60 हजार रुपये की राशि एफडी के तौर पर रखी जाती है, जो भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर इस्तेमाल की जा सकेगी।

    जिला शिमला में इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 05 चिल्ड्रन आफ द स्टेट को वित्तीय सहायता जारी की चुकी है, जबकि हिमाचल प्रदेश में ऐसे कुल 227 लाभार्थी हैं। जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिमला के जुब्बल खंड के तहत कोठी गांव डाकघर हिमरी की रहने वाली विभूति मस्ताना के माता-पिता का देहांत कुछ समय पहले हो गया था। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के बारे में जब विभूमि को जानकारी मिली तो उसके सारे दस्तावेजों के साथ योजना के तहत आवेदन कर दिया।

    शादी के पहले तक मिलते रहे 4 हजार रुपये प्रतिमाह

    शादी होने से पूर्व तक हर माह विभूति को 04 हजार रुपये प्रतिमाह मिल रहे थे। इसी बीच विभूति का रिश्ता हो गया और विभूति ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत विवाह के लिए वित्तीय सहायता के लिए आवेदन किया। सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें 02 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिली।

    क्या कहती हैं लाभार्थी

    विभूति ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना काफी मददगार साबित हो रही है। माता-पिता के बिना जिंदगी में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, यह बात सिर्फ वही जानते है जिनके माता इस दुनिया में अब नहीं है। ऐसी परिस्थिति में प्रदेश सरकार की ऐसी योजना लागू होना और ऐसे बच्चों को चिल्ड्रन आफ द स्टेट के तौर पर अपनाकर उनका भविष्य संवारना काफी बड़ी बात है।

    क्या है मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना

    सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 2023 में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की थी। इसके तहत अनाथ और त्याग किए गए बच्चों को सरकार द्वारा 14 वर्ष की आयु तक 1,000 रुपये की मासिक सहायता और 18 वर्ष की आयु तक 2,500 रुपये प्रतिमाह मिलता है। इसके अतिरिक्त, बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक हर महीने 4,000 रुपये की पॉकेट मनी का भी प्रावधान है।

    उच्च शिक्षा का पूरा खर्च वहन कर रही सरकार

    राज्य सरकार 27 वर्ष की आयु तक उनकी उच्च शिक्षा का पूरा खर्च वहन करेगी और छात्रावास उपलब्ध न होने पर पीजी खर्च के लिए 3,000 रुपये उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही पढ़ाई, बिजनेस और स्टार्ट-अप के लिए, घर बनाने और शादी करने के लिए भी आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। शादी करने के लिए 02 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की जाती है।

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    मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना प्रदेश सरकार की सबसे अहम योजनाओं में से एक है। जिन बच्चों के माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं, उनके माता-पिता अब प्रदेश सरकार है। उनकी शिक्षा, घर, शादी और रहन सहन का सारा खर्च 27 वर्ष की उम्र तक प्रदेश सरकार चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के तौर पर उठा रही है। जिला में अभी तक 05 चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट को विवाह के लिए वित्तीय सहायता दी गई है।

    -अनुपम कश्यप, जिला उपायुक्त शिमला

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