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    शिमला जिले में 55 हजार राशन कार्ड धारक संदेह के घेरे में, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने में बड़ी गड़बड़ी उजागर

    By Chaitanya Thakur Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 05:39 PM (IST)

    शिमला जिले में 55 हजार राशन कार्ड धारक संदेह के घेरे में हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के क्रियान्वयन पर सवाल उठ रहे हैं। जिलास्तरीय सतर्क ...और पढ़ें

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    जिला शिमला में बड़े स्तर पर राशनकार्ड में गड़बड़ी पाई गई है। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में 55 हजार राशन कार्ड धारक संदेह के घेरे में हैं। शिमला में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के क्रियान्वयन को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सोमवार को हुई जिलास्तरीय सतर्कता समिति की समीक्षा बैठक में सामने आया कि 55,839 राशन कार्ड लाभार्थी संदेहजनक पाए गए हैं। 

    इतनी बड़ी संख्या में संदिग्ध लाभार्थियों का सामने आना न केवल प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है, बल्कि वास्तविक पात्र परिवारों के हक पर भी सीधा असर डाल सकता है।

    बैठक में बताया गया कि जिला शिमला में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 84,636 परिवारों को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें 72,147 परिवार ग्रामीण क्षेत्रों से और 12,849 परिवार शहरी क्षेत्रों से शामिल हैं। लक्ष्य के मुकाबले अब तक 66,230 परिवारों का ही चयन किया जा सका है।

    चयन प्रक्रिया में यह अंतर और गिरावट इसलिए भी गंभीर माना जा रही है, क्योंकि बड़ी संख्या में लाभार्थियों के रिकॉर्ड संदेह के दायरे में आ गए हैं।

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    क्या खामी पाई गई

    अधिकारियों के अनुसार, जिन 55,839 राशन कार्ड लाभार्थियों को संदेहजनक बताया गया है, उनमें कई मामलों में आय, निवास, परिवार की वास्तविक स्थिति और पात्रता से जुड़ें दस्तावेजों में गड़बड़ियां पाई गई हैं। आशंका जताई जा रही है कि यदि इन मामलों की सख्त जांच नहीं की गई तो अपात्र लोग सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाते रहेंगे, जबकि वास्तविक जरूरतमंद परिवार इससे वंचित रह जाएंगे।

    नए पात्र परिवारों को योजना में शामिल करने की रफ्तार पड़ सकती है धीमी 

    सतर्कता समिति की बैठक में इस बात पर भी चिंता जताई गई कि संदेहजनक लाभार्थियों की संख्या अधिक होने के कारण नए पात्र परिवारों को योजना में शामिल करने की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मूल उद्देश्य, गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सस्ती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने को झटका लग सकता है।

    कठोर जांच व सत्यापन अभियान चलेगा

    बैठक में अधिकारियों ने साफ संकेत दिए कि आने वाले समय में राशन कार्डों की कठोर जांच और सत्यापन अभियान चलाया जाएगा। आधार सीडिंग, आय प्रमाण पत्रों का पुनः सत्यापन, परिवार के सदस्यों की वास्तविक संख्या की जांच और फील्ड स्तर पर भौतिक सत्यापन जैसे कदम उठाने पर जोर दिया गया। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई लाभार्थी अपात्र पाया गया तो उसका नाम सूची से हटाया जाएगा और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

    समीक्षा बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त दिव्यांशु सिंगल, जिला नियंत्रक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले नरेंद्र धीमान सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

     

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