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    हिमाचल शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, शिक्षक डायरी की शर्त को किया खत्म; आखिर क्यों वापस लिया आदेश?

    By Anil Thakur Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 04:30 PM (IST)

    Himachal School News, हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों को टीचर डायरी नहीं बनानी होगी। शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से इस शर्त को समाप् ...और पढ़ें

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    स्कूलों में शिक्षकों के लिए टीचर डायरी बनाने की शर्त को समाप्त कर दिया है। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal School News, हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए टीचर डायरी बनाने की शर्त को समाप्त कर दिया है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को मैनुअल रूप से डायरी बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होगी। हिमाचल प्रदेश सेकेंडरी एजुकेशन कोड के पैरा 12.9 को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।

    सचिव शिक्षा राकेश कंवर की ओर से सोमवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। विभाग के इस फैसले का शिक्षक लगातार विरोध कर रहे थे। विभाग ने नियमों का हवाला देते हुए इसे अनिवार्य किया था। 

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    शिक्षा सचिव के आदेश में क्या

    सचिव शिक्षा विभाग राकेश कंवर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूल शिक्षा संहिता में पैरा 12.9 जोड़ा गया था, उस समय शिक्षक डायरी का उद्देश्य शैक्षणिक गतिविधियों का दस्तावेजीकरण करना था। मौजूदा समय के साथ शिक्षा में कई बदलाव हो गए हैं। अब पढ़ाई-लिखाई की प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन लेसन प्लान, अकादमिक पोर्टल और लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) के माध्यम से संचालित हो रही है। 

    शिक्षक डायरी का मैनुअल रख रखाव दोहराव वाला कार्य

    मौजूदा समय में शिक्षण गतिविधियों, छात्रों की प्रगति और कक्षा प्रक्रियाओं की निगरानी सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (सीसीई), आवधिक परीक्षाओं, निरीक्षण और डाटा आधारित अकादमिक समीक्षा के जरिए की जा रही है। ऐसे में शिक्षक डायरी का मैनुअल रख रखाव अनावश्यक और दोहराव वाला कार्य बन गया है। विभाग ने विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) स्कूलों की शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक गतिविधियों की रियल टाइम मॉनिटरिंग करता है। वीएसके में शिक्षकों से जुड़े कई मॉड्यूल पहले से मौजूद हैं, जिससे शिक्षक डायरी की उपयोगिता समाप्त हो चुकी है।

    जितना समय डायरी लिखने में लगता था वह पढ़ाई में लगेगा

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 नवाचार और दक्षता आधारित शिक्षा पर केंद्रित है। दैनिक डायरी प्रारूप में दर्ज करना व्यावहारिक नहीं है। एनसीईआरटी द्वारा जारी लर्निंग आउटकम फ्रेमवर्क शिक्षकों को पर्याप्त मार्गदर्शन प्रदान करता है। सचिव शिक्षा राकेश कंवर ने कहा कि शिक्षक डायरी लिखने में जितना समय लगाते थे उस समय को अब बच्चों की पढ़ाई पर लगाया जाएगा। शिक्षक उस समय का सदुपयोग पाठ योजना तैयार करने, कमजोर छात्रों के लिए रेमेडियल टीचिंग, छात्र मार्गदर्शन और शिक्षकों के व्यावसायिक विकास पर लगा सकेंगे। 

    आदेश में साफ कहा गया है कि शिक्षक डायरी अब केवल डुप्लीकेशन ऑफ वर्क बनकर रह गई थी, जिससे शिक्षकों पर गैर-शैक्षणिक कार्यों का बोझ बढ़ रहा था और इसकी प्रासंगिकता खत्म हो चुकी थी। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसे समाप्त करने का निर्णय लिया है।

    संगठन ने किया स्वागत

    हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। शिक्षक डायरी को शिक्षा विभाग की शिक्षा संविदा से बाहर करने से प्रदेश के हजारों शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। स्कूल प्रवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष डा. अश्विनी कुमार, पूर्व अध्यक्ष ठाकुर केसर सिंह, वर्तमान राज्य अध्यक्ष अजय नेगी, महासचिव इंद्र सिंह ठाकुर, मुख्य संरक्षक लोकेंद्र नेगी, मुख्य मार्गदर्शक राजेश सैनी, राज्य चेयरमैन सुरेंद्र पुंडीर, कार्यकारी अध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, वाइस चेयरमैन राकेश भारद्वाज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश, संजय शर्मा, शौकत अली, विकास रत्न, राजेंद्र मैठा, सूरज वाली, अजय ठाकुर, जगमोहन एवं राजेश शर्मा, मुख्य सलाहकार चन्द्र देव ठाकुर, संगठन सचिव रंगीला ठाकुर, वित्त सचिव सुरजीत सिसोदिया, प्रेस सचिव जय राम शर्मा, मीडिया सचिव राजन शर्मा तथा मुख्य वेब सचिव भूपेश नेगी व विजय आर्य सहित समस्त राज्य कार्यकारिणी ने इस निर्णय का स्वागत किया है।

    संघ के महिला विंग की ओर से मुख्य सलाहकार मुदिता भारद्वाज, अध्यक्ष दया दत्ता, उपाध्यक्ष सोनू सेन एवं सचिव रोजी चौहान ने भी इस अधिसूचना को शिक्षक हित में एक ऐतिहासिक एवं सकारात्मक कदम बताया।

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