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    हिमाचल के स्कूलों में कॉम्पलैक्स सिस्टम से बढ़ी प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी, फील्ड में करेंगे निरीक्षण, अतिरिक्त शक्तियां दी

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 06:12 AM (IST)

    Himachal Pradesh Govt School हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्कूल कॉम्प्लेक्स प्रणाली के तहत प्रधानाचार्यों की शक्ति बढ़ाई है। प्रधानाचार्य अब अपने अधीन आने वाले स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और शिक्षा निदेशालय को रिपोर्ट भेजेंगे। वे बच्चों के सीखने के स्तर का आकलन करेंगे और सुधार के लिए काम करेंगे। स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं का साझा उपयोग किया जाएगा।

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    स्कूलों में कॉम्पलैक्स सिस्टम लागू होने के बाद प्रधानाचार्य कलस्टर के स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। प्रतीकात्मक फोटो

    अनिल ठाकुर, शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत प्रधानाचार्य अब फील्ड में जाकर अन्य स्कूलों में भी पढ़ाई का जायजा लेंगे। स्कूल काॅम्पलैक्स सिस्टम के तहत राज्य सरकार ने प्रधानाचार्यों के कार्य का दायरा बढ़ा दिया है। प्रधानाचार्य अपने अधीन आने वाले सभी 8 से 10 स्कूलों के दैनिक कार्यों के अलावा प्रशासनिक जरूरत के भी प्रमुख बनाए गए हैं।

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    कॉम्प्लैक्स स्कूल के प्रधानाचार्य अपने अधीन आने वाले सभी प्राइमरी, मिडिल व हाई स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। प्रत्येक स्कूल में दो महीने में कम से कम एक बार निरीक्षण करना अनिवार्य है। यह निरीक्षण महज औपचारिक नहीं होगा। स्कूल में जाकर वहां व्यवस्थाओं को देखा जाएगा।

    निरीक्षण की बाकायदा मासिक रिपोर्ट तैयार होगी, जो शिक्षा निदेशालय को ऑनलाइन भेजनी होगी। किस महीने कितने स्कूलों का निरीक्षण किया व वहां पर क्या पाया गया। इसका पूरा ब्यौरा रिपोर्ट में देना होगा।

    अवकाश देने की शक्ति की प्रधानाचार्य के पास

    जेबीटी, टीजीटी, एचटी, सीएचटी, लेक्चरर सभी प्रधानाचार्य के प्रशासनिक नियंत्रण में रहेंगे। यहां तक की अवकाश देने की शक्ति भी इन्हीं के पास होगी। खंड शिक्षा अधिकारी व सीएचटी स्कूलों का जो निरीक्षण करेंगे, उसकी रिपोर्ट भी प्रधानाचार्य को भेजेंगे।

    पूरा दिन स्कूल में लगाएंगे प्रधानाचार्य

    कॉम्प्लेक्स प्रणाली में प्रधानाचार्यों के कार्यों का दायरा बढ़ाया गया है। प्रधानाचार्य निरीक्षण के दौरान स्कूल में पूरा दिन बिताएंगे। वहां पर बच्चों का पढ़ाई का स्तर (लर्निंग लेवल) को आंकेंगे। बच्चे कहां पर कमजोर हैं। पढ़ाई में जो गैप है, उसे कैसे दूर किया जा सकता है। इसका पता लगाकर उस पर काम किया जाएगा। यदि जरूरत हो तो वे अतिरिक्त कक्षाएं लगाने से लेकर अतिरिक्त शिक्षक की अस्थायी तैनाती भी कर सकेंगे।

    नोडल लीडर स्कूल बनाया गया

    विभाग का मकसद है कि यहां पर पढ़ाई में सुधार हो। काॅम्पलेक्स प्रणाली के तहत प्रत्येक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को एक नोडल लीडर स्कूल बनाया गया है। इसके तहत आसपास के सात से आठ प्राथमिक, मिडिल और उच्च विद्यालयों को शामिल किए गए हैं। विभाग ने इसकी सूची बाकायदा अपनी वेबसाइट पर जारी कर दी है।

    सुविधाएं भी साझा करेंगे स्कूल

    पढ़ाई, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों और आधारभूत ढांचे का मिलकर इस्तेमाल किया जाएगा। कोई भी स्कूल बिना शिक्षकों के खाली नहीं रहेगा। कांप्लेक्स सिस्टम में आने वाले सभी स्कूल उपलब्ध सुविधाओं को साझा करेंगे। प्रयोगशालाएं, खेल सामग्री, पुस्तकालय, सांस्कृतिक गतिविधियां स्कूल स्तर पर साझा की जाएंगी। संयुक्त अभिभावक-शिक्षक बैठकें होंगी। आवश्यकता पड़ने पर एक स्कूल से दूसरे स्कूल में शिक्षकों की तैनाती करनी होगी।

    प्रधानाचार्य स्कूल के प्रशासनिक मुखिया होंगे। उन्हें स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। हर प्रधानाचार्य की मासिक रिपोर्ट देखी जाएगी कि उन्होंने कितने स्कूलों का निरीक्षण किया। रिपोर्ट के आधार पर विभाग खामियों को दूर करेगा।

    -आशीष कोहली, निदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग।

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