हिमाचल प्रदेश में 7 लाख लोगों के राशन बंद, कहीं अगला नंबर आपका तो नहीं? जल्दी से कर लें ये काम
हिमाचल प्रदेश में 7 लाख लोगों के राशन बंद गए हैं क्योंकि उन्होंने ई-केवाईसी नहीं करवाई है। अगर आप भी राशन कार्ड धारक हैं तो जल्द से जल्द ई-केवाईसी करवा लें नहीं तो आपका राशन भी बंद हो सकता है। आप चाहें तो घर बैठे मोबाइल से भी ई-केवाईसी कर सकते हैं। वहीं डिपो और लोकमित्र केंद्र पर जाकर भी ई-केवाईसी करवा सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में 100 प्रतिशत ई-केवाइसी करवाने के लिए विभाग कड़े कदम उठा रहा है। यदि राशन कार्ड में दर्ज एक भी सदस्य की ई-केवाईसी नहीं हुई होगी तो कार्ड को ब्लाक किया जा रहा है। प्रदेश में ऐसे 2.65 लाख परिवारों का राशन बंद कर दिया गया है और कार्ड ब्लाक कर दिए गए हैं।
अब तक बंद हो चुके हैं 7 लाख लोगों के राशन
हिमाचल प्रदेश में अब तक करीब सात लाख लोगों का राशन बंद हो चुका है। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने निर्देश दिया है कि जिन राशन कार्ड धारकों का कार्ड ब्लाक किया गया है, उनके परिवार के सभी सदस्यों की ई-केवाईसी करवाने पर इसे खोल दिया जाए।
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इससे पहले जिन सदस्यों की ई-केवाईसी नहीं थी उनका ही राशन बंद हो रहा था। अब पूरा राशन कार्ड ही ब्लाक किया जा रहा है और सभी का राशन बंद कर दिया है। ऐसे में अब 19.30 लाख राशनकार्ड धारकों में से 16.65 लाख रह गए हैं।
मोबाइल फोन से भी कर सकते हैं ई-केवाईसी
घर बैठे मोबाइल फोन से भी ई-केवाईसी करवा सकते हैं। इसके लिए मोबाइल ऐप स्टोर से ऐप डाउनलोड कर ई-केवाईसी कर सकते हैं। इसके अलावा सस्ते राशन की दुकान या डिपो और लोकमित्र केंद्र पर जाकर भी ई-केवाईसी करवा सकते हैं।
छात्रवृत्ति के आवेदनों का मौके पर जाकर होगा सत्यापन
वहीं, एक दूसरे खबर की बात करें तो हिमाचल के कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति के आवेदनों का अब मौके पर जाकर सत्यापन होगा। यह शैक्षणिक सत्र 2024-25 के आवेदन हैं। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में सभी कॉलेज प्राचार्यों व जिला उप निदेशक (गुणवत्ता) को निर्देश जारी किए गए हैं। कॉलेज प्राचार्य की अध्यक्षता में इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित होगी।
वह इसका सत्यापन का कार्य करेंगे, जबकि स्कूल व आईटीआई का सत्यापन उपनिदेशक (गुणवत्ता) करेंगे। निदेशालय ने शिक्षण संस्थानों को एक प्रारूप भी भेजा है। इसके अनुसार ही सत्यापन होगा। इसका पूरा रिकॉर्ड भी रखना होगा। इसके अनुसार किस शिक्षण संस्थान से कितने छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया।
इसमें कितने एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के छात्र हैं। इनके शैक्षणिक, आय, जाति प्रमाणपत्रों का सत्यापन सहित अन्य दस्तावेजों की जांच होगी। आधार नंबर, बैंक खाता सहित अन्य सभी दस्तावेजों को जांचा जाएगा।
हर वर्ष किया जाता है बदलाव
उसके बाद ही इनके नाम छात्रवृत्ति के लिए प्रस्तावित किए जाएंगे। पूर्व में शिक्षा विभाग में 250 करोड़ रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया था। जांच में कई संस्थान दोषी पाए गए थे। कई ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति जारी कर दी गई थी, जो वहां पढ़ते ही नहीं थे। इसके बाद केंद्र ने नियम सख्त किए हैं। इसमें हर वर्ष बदलाव किया जाता है, ताकि घोटाला न हो सके।
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