हिमाचल के लोगों के लिए खुशखबरी: राशन डिपो में फरवरी में मिलेगा सरसों तेल, CM ऑफिस पहुंची फाइल
हिमाचल प्रदेश में राशनकार्ड धारकों को खुशखबरी मिलने वाली है। अगले महीने यानी फरवरी तक 16.65 लाख उपभोक्ताओं को सरसों तेल मिलेगा। सरसों और रिफाइंड तेल खरीद से जुड़ी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच गई है। बता दें कि अक्टूबर के बाद से उपभोक्ताओं को सरसों तेल और रिफाइंड तेल नहीं मिला है। सरसों का तेल एल-वन मूल्य पर उपलब्ध होगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड धारकों को फरवरी में सरसों का तेल मिलेगा। सरसों और रिफाइंड तेल खरीद से जुड़ी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच गई है। उम्मीद है कि अगले माह 16.65 लाख उपभोक्ताओं को सरसों का तेल मिल जाएगा। सरसों का तेल एल-वन मूल्य पर उपलब्ध होगा।
राशन डिपो में उपभोक्ता पिछले वर्ष नवंबर से सरसों तेल मिलने का इंतजार कर रहे हैं। सरसों और रिफाइंड तेल खरीद को लेकर औपचारिकताएं राज्य नागरिक खाद्य आपूर्ति निगम पूरी करता है। राज्यस्तरीय खरीद कमेटी इस संबंध में निर्णय लेती है।
मूल्य में अंतर आने पर फाइल लौटा दी थी फाइल
अक्टूबर तक उपभोक्ताओं को 123 व 129 रुपये प्रति लीटर मूल्य पर सरसों तेल मिल रहा था, जबकि रिफाइंड तेल का दाम 97 रुपये प्रति लीटर था। पिछले तीन माह में सरसों तेल में तेजी आने से मूल्य डेढ़ सौ रुपये प्रति लीटर पहुंच गया था।
जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने तेल के मूल्य में अंतर आने पर फाइल लौटा दी थी और पुरानी दरों पर तेल खरीदने को कहा था। निगम प्रबंधन और सचिवालय अधिकारियों की ओर से सस्ती दरों पर सरसों के तेल की खरीद करने के लिए प्रयास जारी रखे।
देखने में आया है कि सरसों तेल की थोक खरीद होने पर यह प्रदेश सरकार को प्रति पैकेट पंद्रह रुपये सस्ता मिलता है। जिसे सरकार राशन डिपो में उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाती है।
अब 2.65 लाख को नहीं मिलेगा सस्ता राशन
ई-केवाइसी की औपचारिकता पूरी नहीं होने से निकट भविष्य में 2.65 लाख उपभोक्ताओं को सस्ता राशन नहीं मिल पाएगा। प्रदेश में कुल 19.30 लाख उपभोक्ता है और अब 16.65 लाख उपभोक्ताओं को ही सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध हो सकेगा।
यह भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश में 7 लाख लोगों के राशन बंद, कहीं अगला नंबर आपका तो नहीं? जल्दी से कर लें ये काम
निगरानी के लिए रखे जाएंगे खनन सुरक्षक
अवैध खनन रोकने व निगरानी के लिए 80 खनन सुरक्षकों की नियुक्ति होगी। इससे संबंधित फाइल भी मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच गई है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलते ही नियुक्ति संबंधी औपचारिकताएं शुरू होंगी। जिसके बाद अवैध खनन रोकने के लिए सरकार कड़े कदम उठाएगी।
इसके लिए खनन सुरक्षकों की नियुक्ति होगी, जिन पर अवैध खनन रोकने का जिम्मा होगा। इन पदों को मंत्रिमंडल से पहले ही स्वीकृति प्राप्त मिल चुकी है। इनकी नियुक्ति साक्षात्कार के बाद होगी। साक्षात्कार जिलों में अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) लेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।