Himachal: पंचायतों में विकास कार्यों को गति देने के लिए सरकार का बड़ा निर्णय, मौके पर निकले पत्थर व बजरी का कर सकेंगे उपयोग
Himachal Pradesh Panchayat हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंचायतों के अधीन होने वाले छोटे निर्माण कार्यों के लिए रेत बजरी और पत्थर के उपयोग की अनुमति मौके पर ही देने का निर्णय लिया है। हिमाचल प्रदेश लघु खनिज सातवां संशोधन नियम 2025 के तहत 10 लाख रुपये तक की लागत वाले कार्यों में मौके पर ही खनिज का उपयोग किया जा सकेगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Panchayat, हिमाचल प्रदेश में आपदा के बीच सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। पंचायतों के तहत होने वाले छोटे निर्माण कार्यों के लिए रेत, बजरी व पत्थर आदि के उपयोग की अनुमति अब मौके पर मिलेगी। नया प्रविधान हिमाचल प्रदेश लघु खनिज सातवां संशोधन नियम, 2025 नाम से जाना जाएगा और तुरंत प्रभाव से लागू होगा।
इस संबंध में प्रदेश सरकार ने खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियम, 2015 में अहम संशोधन किया है। इसके तहत ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग से संबंधित सरकार की ओर से अनुमोदित लघु निर्माण कार्यों, जिनकी अनुमानित परियोजना लागत 10 लाख रुपये तक है, उन्हें विशेष छूट दी गई है।
मौके पर उत्पन्न बजरी व पत्थर व किया जा सकेगा उपयोग
अब ऐसे कार्यों में मौके पर उत्पन्न रेत, बजरी और पत्थर जैसे खनिज का स्थल पर ही उपयोग किया जा सकेगा। हालांकि, खनिज की मात्रा संबंधित विभाग की ओर से निर्धारित की जाएगी। रायल्टी व अन्य लागू कर प्रभार काटने के बाद ही यह अनुमति दी जाएगी।
विकास कार्यों को गति के लिए निर्णय
इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की गति देना है। इससे खनिज की उपलब्धता के लिए अलग से परिवहन की जरूरत नहीं पड़ेगी और पंचायतों को पैसा बचेगा। निर्माण लागत में कमी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
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