Himachal Panchayat: आपदा ने रोका BPL सूची में चयन, तय हो गया अब कब होंगी ग्रामसभाएं, 5 प्वाइंट में जानिए नियम
Himachal Pradesh Panchayat News हिमाचल प्रदेश में मानसून के कारण बाधित हुए बीपीएल सर्वे को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। नए नियमों के अनुसार बीपीएल सूची से हटाए गए परिवार तीन साल बाद ही दोबारा आवेदन कर सकते हैं। सत्यापन समिति घर-घर जाकर जांच करेगी और 50 हजार से अधिक आय वाले परिवार बीपीएल से बाहर होंगे।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Panchayat News, हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान आपदा के कारण ग्रामसभा की बैठकें आयोजित नहीं हो पाई। जहां पर बैठकें हुईं, वहां पर कोरम ही पूरा नहीं हुआ। ऐसे में गरीबी रेखा से नीचे रहन वालों यानी बीपीएल का नया सर्वे नहीं हो सका। जबकि इसके लिए पंचायती राज विभाग की तरफ से शेड्यूल जारी किया गया था।
ऐसे में अब मानसून के विदा होने और जनजीवन के पटरी पर लौटने के बाद सभी पंचायतों में ग्राम सभा की बैठकों के तहत बीपीएल चयन के तहत पात्र परिवारों को शामिल करने और अयोग्य परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर करने के प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
बीपीएल परिवार को अलग करने पर तीन वर्षों के बाद ही बीपीएल परिवार में शामिल होने का लाभ या आवेदन हो सकेगा।
बीपीएल सूची को लेकर जुलाई में ग्राम सभा की बैठकों का शेड्यूल तय किया गया था। कुछ पंचायतों में ग्राम सभा की बैठकें हुई भी लेकिन वहां पर कोरम ही पूरा नहीं हो सका। इसके बाद मानसून की वर्षा ने ऐसी तबाही मचाई कि ग्रामसभा की बैठकें ही नहीं हो सकी। यही नहीं इस दौरान भारी वर्षा, भूस्खलन के कारण बहुत ज्यादा दिक्कतें रही। अब आने वाले दिनों में बीपीएल सर्वे की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
सत्यापन समिति ने घर-घर जाकर करनी थी जांच
बीपीएल सूची में परिवार का नाम शामिल करने के लिए आवेदन प्रक्रिया के पूर होने के बाद सत्यापन समिति जिसमें पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बीपीएल में चयनित और आवेदन करने वालों का सत्यापन करना था। जिन परिवारों की 50 हजार रुपये वार्षिक से अधिक आय है और जिनके परिवार के सदस्य सरकारी, अर्द्ध सरकारी और निजी नौकरी करते हैं, पक्का मकान है, उन्हें बीपीएल से बाहर किया जाएगा।
पंचायत सचिव और ग्राम सभा की संस्तुति और सत्यापन समिति की संस्तुति के बाद खंड स्तरीय समिति को बीपीएल में शामिल और हटाने की मंजूरी का अधिकार दिया है। खंड़ स्तरीय समिति में उपमंडल अधिकारी यानी एसडीएम की अध्यक्षता में होगी जिसमें खंड विकास अधिकारी और पंचायत निरीक्षक या उपपंचायत निरीक्षक या खंड विकास अधिकारी द्वारा नामित विकास खंड कार्यालय का कोई अन्य अधिकारी शामिल होंगे।
ये होंगे बीपीएल में शामिल
- ऐसे परिवार जिनमें 18 वर्ष से कम आयु के अनाथ बच्चे ही सदस्य हैं अथवा ऐसे परिवार जिनमें केवल 59 वर्ष की आयु से अधिक के वृद्धजन ही सदस्य हैं व 18-59 वर्ष की आयु का कोई भी वयस्क सदस्य नहीं है।
- ऐसे परिवार जिनमें महिला मुखिया हो तथा जिसमें 18 वर्ष से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई वयस्क पुरुष सदस्य न हो। जिसमें विधवा, अविवाहित, तलाकशुदा, परित्यक्त महिलाएं
- ऐसे परिवार जिनके मुखिया में 50 प्रतिशत से अधिक विकलांगता हो।
- ऐसे परिवार जिनके सभी वयस्क सदस्यों द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के अंतर्गत कम से कम 100 दिन काम किया हो।
- ऐसे परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं और स्थायी रूप से अक्षम हैं।
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इन्हें बीपीएल से हटाया जा सकेगा
- ऐसे परिवार जिनके पास रहने के लिए पक्का मकान है।
- ऐसे परिवार जिनका कोई भी सदस्य आयकर देता हो।
- ऐसे परिवार जिनकी समस्त स्रोतों से अर्जित वार्षिक आय 50 हजार रुपये से अधिक हो।
- ऐसे परिवार जिनके पास एक हेक्टेयर से अधिक भूमि हो।
- ऐसे परिवार जिनका कोई भी सदस्य सरकारी या अर्द्धसरकारी या निजी नौकरी में है।
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