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    हिमाचल में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू, 31 मार्च तक नई पंचायतें बनाने के निर्देश; जून से बनेंगी वोटर लिस्ट

    Updated: Wed, 08 Jan 2025 04:50 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। राज्य चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जून में वोटर लिस्ट बनना शुरू हो जाएगा। पंचायती राज संगठनों के चुनाव नवंबर और दिसंबर में प्रस्तावित हैं। बता दें कि सरकार नई पंचायतों के गठन के लिए मापदंड तय कर रही है। नई पंचायतों के लिए अब तक 600 आवेदन आ चुके हैं।

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    हिमाचल में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में इस साल के अंत में पंचायत चुनाव होंगे। इसके लिए राज्य चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी है।

    राज्य चुनाव आयुक्त अनिल कुमार खाची ने इसको लेकर प्रधान सचिव शहरी विकास विभाग देवेश कुमार व सचिव पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग राजेश शर्मा के साथ बैठक की।

    बैठक में चुनावों को लेकर चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि इस साल चुनाव होने प्रस्तावित है। ऐसे में नई पंचायतों का गठन यदि सरकार करना चाहती है, तो यह कार्य 31 मार्च तक पूरा कर दें।

    जून में शुरू हो जाएगा वोटर लिस्ट बनाने का कार्य

    यदि किसी पंचायत के वार्डों की सीमाएं बदलनी है, तो उस कार्य को भी 31 मार्च तक पूरा कर दें। जून महीने में वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

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    पंचायती राज संगठनों के चुनाव नवंबर व दिसंबर महीने में होना प्रस्तावित हैं। राज्य चुनाव आयोग के साथ हुई बैठक के बाद अब विभाग ने भी इसको लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    नई पंचायतों के लिए आए 600 आवेदन

    पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नई पंचायतों के लिए प्रस्ताव मांगे थे। विभाग के पास 600 आवेदन आए हैं। कुछ आवेदन ग्राम सभा की मंजूरी से आए हैं, तो कुछ सीधे ही भेजे गए हैं। विभाग के अनुसार जो आवेदन आए हैं, उनमें ज्यादातर नियमों पर खरे नहीं उतर रहें है।

    नई पंचायतें बनने के बाद यहां पर वोटरों की संख्या 500 से 800 ही बन रही है। सरकार चाहती है कि पंचायतों में कम से कम 1 हजार से ज्यादा वोटर तो हो। छोटी पंचायतें तो बन जाएगी, लेकिन इसका खर्चा सरकार को ही वहन करना पड़ेगा। 1 करोड़ पंचायत घर निर्माण के लिए चाहिए, जबकि सालाना खर्च 20 से 25 लाख एक पंचायत का है।

    पंचायतों की अपनी आय न के बराबर ही होती है। सूत्रों की माने तो आज होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर अनौपचारिक चर्चा की जाएगी। कैबिनेट में इन पर चर्चा होगी, ताकि सरकार नई पंचायतों के गठन के मापदंड तय कर सके।

    कुछ ने दिए हैं ये तर्क

    विभाग के पास जो आवेदन नई पंचायतों के गठन को आए हैं, उसमें कुछ तर्क सही भी है। इसमें कहा गया है कि कई पंचायतें बड़ी होने की वजह से नई बनाना जरूरी है। कई पंचायतों के कुछ गांव 2-2 विधानसभा में आते हैं।

    ऐसी पंचायतों के सभी गांव एक विधानसभा में शामिल किए जाएं। पंचायती राज एक्ट में नई पंचायत के लिए कम से कम 1000 आबादी होना अनिवार्य है। इसके अलावा सरकार अपने स्तर पर भी नई पंचायतों के गठन के मापदंड तय कर सकती है।

    वर्ष 2020 में बनी पंचायतों में अभी भी स्टाफ व दफ्तर नहीं है। प्रदेश में अभी 3615 पंचायतों में पिछला चुनाव हुआ था। हालांकि, इसमें से 43 पंचायतें अब नगर पंचायतों में आ गई है। यानि यदि पंचायतों की संख्या नहीं बढ़ती तो केवल 3572 पंचायतों में ही चुनाव होंगे। पूर्व भाजपा सरकार ने 412 नई पंचायतें बनाई थी।

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