Himachal: आनलाइन होगी राजस्व अदालतों में सुनवाई, कैशलेस भुगतान से रुकेगा भ्रष्टाचार, नए सिस्टम की 7 विशेषताएं
Himachal Online Revenue Court हिमाचल प्रदेश सरकार ने राजस्व अदालतों के कार्यों को आधुनिक बनाने के लिए ऑनलाइन कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है। भूमि विवादों और अन्य राजस्व मामलों में अब आवेदन फीस भुगतान और दस्तावेज़ जमा करने से लेकर सुनवाई तक सब कुछ डिजिटल होगा। भुगतान कैशलेस होगा और सुनवाई की सूचना एसएमएस/ईमेल से मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Online Revenue Court, हिमाचल प्रदेश सरकार ने राजस्व अदालतों के कार्यों को आधुनिक बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम को लागू कर दिया है। इस संबंध में राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। अब भूमि विवादों और अन्य राजस्व मामलों में आवेदन, फीस भुगतान, दस्तावेज जमा करने से लेकर सुनवाई तक की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफार्म पर होगी।
इस नई व्यवस्था के तहत सुनवाई की तिथि और आदेश की सूचना पंजीकृत पक्षकारों और अधिवक्ताओं को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से भेजी जाएगी। इससे आवेदन करने की सुविधा कहीं से भी उपलब्ध होगी, जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी।
कैशलेस होगा भुगतान
फीस का भुगतान कैशलेस तरीके से किया जाएगा। अपील, समीक्षा और पुनरीक्षण याचिका दायर करने के लिए निचली अदालत का नाम, केस नंबर, आदेश की तारीख और प्रमाणित प्रति अपलोड करनी होगी। निर्धारित समय सीमा प्रमाणित प्रति मिलने की तारीख से मानी जाएगी। यदि समय सीमा पार हो जाती है, तो धारा पांच लिमिटेशन एक्ट के अंतर्गत आवेदन कर शुल्क जमा करना होगा।
भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश, पारदर्शिता आएगी
राजस्व विभाग ने लोकमित्र केंद्रों के माध्यम से जमाबंदी लेने की राशि को 10 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति पेज किया है। ई जिला पोर्टल पर जमाबंदी के प्रति आवेदन की फीस 50 रुपये निर्धारित की गई है। इस व्यवस्था से जनसाधारण को राहत मिलेगी, न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी अपने मामलों की आनलाइन निगरानी कर सकेंगे।
नई व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं
- अब नागरिक और अधिवक्ता ई-हिमभूमि व अन्य पोर्टल के माध्यम से आनलाइन आवेदन व याचिका दायर कर सकेंगे।
- कोर्ट फीस का भुगतान अब यूपीआइ, डेबिट व क्रेडिट कार्ड और आनलाइन गेटवे से किया जा सकेगा।
- याचिकाकर्ता जमाबंदी, नक्शा, पावर आफ अटार्नी, म्यूटेशन की कापी और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ आनलाइन अपलोड कर सकेंगे।
- निचली अदालतों से जुड़े केस रिकार्ड को भी आनलाइन मंगवाने और अपलोड करने की व्यवस्था होगी।
- पूरे प्रदेश में एकीकृत केस नंबर जारी होगा, जिसमें कोर्ट का लाग इन आइडी, सीरियल नंबर और वर्ष अंकित होगा।
- आवेदन सबसे पहले रीडर की लाग इन में जाएगा, जो जांच कर उसे स्वीकृति या संशोधन हेतु वापस करेगा।
- अब कोर्ट केस की प्रविष्टियां केवल इलेक्ट्रानिक रजिस्टर में होंगी।
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