Bulk Drug Park से हिमाचल में मिलेगा हजारों को रोजगार, चीन पर निर्भरता होगी कम; 10 हजार करोड़ की परियोजना को मंजूरी
Bulk Drug Park Himachal हिमाचल प्रदेश में बल्क ड्रग पार्क को पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। ऊना के हरोली में बनने वाले इस पार्क का उद्देश्य दवाओं के कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भरता कम करना है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह पार्क दवा निर्माण में प्रदेश को अग्रणी बनाएगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Bulk Drug Park Himachal, हिमाचल प्रदेश में स्थापित होने वाले बल्क ड्रग पार्क ने एक और बाधा पार कर ली है। ऊना जिले के हरोली में स्थापित होने वाले बल्क ड्रग पार्क के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरणीय मंजूरी मिल गई है। पार्क का उद्देश्य अन्य देशों, मुख्यत: चीन पर दवाओं के कच्चे माल यानी एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रेडिएंट्स की निर्भरता को कम करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऊना में बल्क ड्रग पार्क भारत में दवा निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी केंद्र के रूप में राज्य की स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करेगा। युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।
काेरोना महामारी के दौरान की गई थी घोषणा
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने कोरोना महामारी के बीच 2020 में गुजरात, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के लिए बल्क ड्रग पार्क की घोषणा की थी। तय हुआ था कि 2026 तक ये पार्क तैयार होने हैं। ऐसे समय में, जब चीन ने करीब 41 एपीआइ के दाम 40 से 50 प्रतिशत इसलिए कम कर दिए हैं कि भारत के दवा उद्योग को झटका लगे, बल्क ड्रग पार्क की ओर बढ़ना आशा बढ़ा रहा है।
एपीआइ बनाने के लिए तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में कई इकाइयां प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम के तहत उत्पादन कर रही हैं। एपीआइ की समस्या को कोरोना महामारी में देश ने अनुभव किया था क्योंकि पैरासीटामोल का कच्चा माल चीन से आता था। उस समय चीन पर निर्भरता लगभग 70 प्रतिशत थी।
फार्मा क्षेत्र में आएगी आत्मनिर्भरता
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पर्यावरणीय मंजूरी ने विकास के अगले चरणों को तेजी से आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह पार्क फार्मा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम ने पर्यावरणीय मंजूरी का स्वागत करते हुए कहा कि इसे समय पर पूरा किया जाएगा।
निदेशक उद्योग डा. यूनुस का कहना है कि एपीआइ/केएसएम (मुख्य प्रारंभिक सामग्री) के लिए अन्य देशों पर निर्भरता कम करने के लिए विभाग इस पार्क को समयसीमा में बनाया जाएगा।
क्या कहते हैं फार्मा उद्यमी
फेडरेशन आफ फार्मा एंटरप्रेन्योर्स के अध्यक्ष बीआर सीकरी ने मुख्यमंत्री, उद्योग मंत्री और परियोजना पर काम करने वाली पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि बल्क ड्रग पार्क मजबूत और टिकाऊ फार्मा ईको-सिस्टम का मार्ग प्रशस्त करेगा।
हिमाचल ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. राजेश गुप्ता, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, फार्मा टेस्टिंग लैब के सीईओ संजय शर्मा, हरोली ब्लाक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कौशल ने कहा कि यह प्रदेश के लिए एक नए युग का प्रतीक है।
बल्क ड्रग पार्क
- केंद्र से 996.45 करोड़ और राज्य सरकार 1,074.55 करोड़ का अनुदान
- 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये की निवेश क्षमता
- 15,000 से 20,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार की उम्मीद
- इसे हिमाचल प्रदेश बल्क ड्रग पार्क इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड बना रही है
- पर्यावरण अध्ययन समिति की उपसमिति के परामर्श पर सभी तकनीकी पक्षों पर रिपोर्ट एनआइटी हमीरपुर ने बनाई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।