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    महिलाओं के लिए इस उम्र के बाद कैल्शियम व विटामिन-D बेहद जरूरी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. बंदना ने बताया हर समस्या का उपचार

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 05:33 PM (IST)

    Womens Health Tips विशेषज्ञों के अनुसार महिलाओं को 35 वर्ष की आयु के बाद कैल्शियम और विटामिन-डी का सेवन करना चाहिए ताकि हड्डियों को मजबूत रखा जा सके। मासिक धर्म की समस्याओं को गंभीरता से लें और नियमित जांच करवाएं। जंक फूड से परहेज करें और व्यायाम करें। गर्भपात के बाद दर्द होने पर तुरंत जांच करवाएं। यह सलाह हेलो जागरण कार्यक्रम में दी गई।

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    दैनिक जागरण के हेलो जागरण कार्यक्रम में डा. बंदना जग्गी चंदेल। जागरण

    जागरण संवाददाता, मंडी। Womens Health Tips, महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। विशेषकर 35 वर्ष की आयु के बाद हड्डियों और हार्मोनल स्वास्थ्य में तेजी से बदलाव आते हैं। इन बदलावों से बचाव के लिए कैल्शियम और विटामिन-डी का नियमित सेवन करना आवश्यक है।

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    आस्था अस्पताल चक्कर (मंडी) की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. बंदना जग्गी चंदेल ने शनिवार को दैनिक जागरण के ‘हेलो जागरण’ कार्यक्रम में महिलाओं को यह महत्वपूर्ण सलाह दी। उन्होंने बताया कि कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी से महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो रही हैं, पीठ दर्द और अन्य गंभीर समस्याएं बढ़ रही हैं।

    नियमित व्यायाम से मजबूत होंगी हड्डियां

    डा. चंदेल ने कहा कि महिलाएं संतुलित आहार लें, जंक फूड और शीतल पेय से परहेज करें, पेट की चर्बी कम करें और आरामदायक जीवनशैली छोड़ नियमित व्यायाम और योग को अपनाएं। इससे हड्डियां मजबूत होंगी और हार्मोनल संतुलन भी बना रहेगा।

    मासिक धर्म से एक सप्ताह पहले दर्द होना सामान्य नहीं

    उन्होंने बताया कि मासिक धर्म से एक सप्ताह पहले दर्द होना सामान्य नहीं है, इसे गंभीरता से लेना चाहिए और समय पर जांच करवानी चाहिए। शुरुआती अवस्था में ही उचित इलाज से अधिकांश समस्याएं ठीक हो सकती हैं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मासिक धर्म से जुड़ी सामान्य धारणाओं को भी दूर किया।

    उन्होंने बताया कि मासिक धर्म में 50 से 60 एमएल रक्तस्त्राव सामान्य है, लेकिन यदि यह 80 एमएल से अधिक हो या सात दिन तक जारी रहे तो यह गंभीर समस्या का संकेत है। ऐसी स्थिति में तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।

    हर महिला को करना चाहिए नियमित स्वास्थ्य परीक्षण 

    उन्होंने यह भी कहा कि आज भी बड़ी संख्या में महिलाएं मासिक धर्म, गर्भधारण और रजोनिवृत्ति जैसी स्थितियों पर खुलकर बात नहीं करतीं, जिससे समय पर इलाज नहीं हो पाता। हर महिला को नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए ताकि किसी भी गंभीर रोग की पहचान शुरुआती चरण में हो सके।

    गर्भपात के छह सप्ताह बाद नहीं रहना चाहिए दर्द

    ‘हेलो जागरण’ कार्यक्रम में महिलाओं ने सीधे डाक्टर से प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया। सोलन की दिशा ने बताया कि उसका गर्भपात हुआ है और अब कमर दर्द रहता है। डा. चंदेल ने बताया कि गर्भपात के छह सप्ताह बाद दर्द नहीं रहना चाहिए। उन्होंने उसे समय पर जांच करवाने की सलाह दी।

    अनियमित मासिक धर्म की समस्या बताई

    सराज क्षेत्र के बगस्याड की पूजा ने अनियमित मासिक धर्म और बढ़ते मोटापे की शिकायत की। डाक्टर ने उसे जांच करवाने और चार से पांच किलो वजन कम करने की सलाह दी। कांगड़ा के मैक्लोडगंज की आशा ने मासिक धर्म बंद होने के बाद थकावट, नींद की कमी और चिड़चिड़ापन की समस्या बताई। डाक्टर ने बताया कि यह सामान्य समस्या है, यदि थायराइड सामान्य हो तो चिंता की बात नहीं।

    पीठ दर्द और मासिक धर्म में समस्या बताई

    पालमपुर की वनीता और सरकाघाट की रवीना ने भी मासिक धर्म के अनियमित होने की शिकायत की, उन्हें मोटापा कम करने की सलाह दी गई। मंडी की रीना देवी ने पीठ दर्द और मासिक धर्म में समस्या बताई, बगस्याड की लेशानी ने बाल झड़ने की समस्या पूछी। सरकाघाट की सोमा देवी ने मासिक धर्म के दौरान गंभीर दर्द बताया।

    दो बार गर्भपात हुआ : पूजा

    सुंदरनगर की पूजा ने बताया कि उसका दो बार गर्भपात हो चुका है। डाक्टर ने सलाह दी कि पहले जांच करवाएं, फिर अगला बच्चा प्लान करें और फोलिक एसिड की गोलियां लें। सराज की सरोजना ने मासिक धर्म के दौरान कम रक्तस्राव की शिकायत की, उसे भी समाधान बताया गया।

    एक वर्ष तक गर्भ न ठहरना बांझपन नहीं

    सरकाघाट की पूनम ने बताया कि एक वर्ष से गर्भधारण नहीं हो रहा है। इससे पहले दो बार गर्भपात हो चुका है। डाक्टर ने बताया कि एक वर्ष तक गर्भ न ठहरना कोई चिंता की बात नहीं, यह बांझपन की समस्या नहीं है, उचित जांच कराएं। मनाली की कुशला ने बताया कि उसे माह में तीन-चार बार मासिक धर्म आता है। डाक्टर ने बताया कि यह रसौली (फाइब्राइड) की समस्या हो सकती है, समय पर अल्ट्रासाउंड करवाएं। कांगड़ा की मीना ने भी इसी तरह की समस्या बताई।

    ऊना की श्वेता ने मासिक धर्म से एक दिन पहले दर्द होने की शिकायत की, डाक्टर ने दर्दनिवारक दवा लेने की सलाह दी। मंडी के गोहर की डिंपल को स्तनपान और बच्चे को बोतल से दूध पिलाने के बारे में जानकारी दी गई। ऊना के हरोली की कंचन ने मासिक धर्म के दौरान गंभीर दर्द की शिकायत की, उसे भी जांच की सलाह दी गई।

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    मासिक धर्म में खून के थक्के आने पर जांच करवाएं

    बद्दी की मानिका ने बताया कि मासिक धर्म में खून के थक्के आ रहे हैं, डाक्टर ने उसे रक्त व अन्य जांच करवाने को कहा। कार्यक्रम में महिलाओं को गर्भावस्था में पोषण, एनीमिया की समस्या, पीसीओडी, सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की जांच के महत्व के बारे में भी जानकारी दी गई। डा. चंदेल ने कहा कि महिलाएं यदि सही समय पर जांच, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं तो कई गंभीर बीमारियों से बच सकती हैं।

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