हिमाचल के 4 मेडिकल कॉलेज में अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू होंगे नर्सिंग कालेज, 3 में ऑटोमेटिक लैब खुलेंगी
Himachal Medical Colleges मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि नाहन हमीरपुर कुल्लू और चंबा में अगले सत्र से नर्सिंग कॉलेज खुलेंगे। अटल सुपरस्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा और टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा में रोबोटिक सर्जरी शुरू होने के बाद यह सुविधा अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी शुरू की जाएगी। चमियाणा हमीरपुर और चंबा मेडिकल कॉलेजों में स्वचालित प्रयोगशालाएं स्थापित होंगी।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Medical Colleges, हिमाचल प्रदेश के नाहन, हमीरपुर, कुल्लू और चंबा में अगले शैक्षणिक सत्र से नर्सिंग काॅलेज की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में शनिवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अटल सुपरस्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा (शिमला) और टांडा मेडिकल काॅलेज कांगड़ा में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत के बाद, इस सुविधा को अन्य मेडिकल कालेजों में भी चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
सभी मेडिकल कॉलेजों में होगा सुधार
मुख्यमंत्री ने सभी मेडिकल कालेजों में साफ-सफाई बनाए रखने के निर्देश दिए और लापरवाही की स्थिति में जवाबदेही तय करने की बात कही। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार एक वर्ष के भीतर सभी मेडिकल कालेजों में उल्लेखनीय सुधार करेगी, जिससे लोगों को उपचार के लिए राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
कर्मचारी व मशीनरी की उपलब्धता पर जोर
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार मेडिकल कॉलेजों की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कर्मचारियों, उपकरणों और मशीनरी की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
तीन मेडिकल कॉलेज में स्थापित होंगी स्वचालित प्रयोगशाला
चमियाणा, हमीरपुर और चंबा मेडिकल कालेजों में 25-25 करोड़ रुपये की लागत से स्वचालित प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने चंबा मेडिकल कालेज में क्रिटिकल केयर ब्लाक का निर्माण इस वर्ष अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए और बताया कि इसके लिए 100 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी।
इसके अतिरिक्त, चंबा मेडिकल कालेज में वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टरों और कर्मचारियों के लिए छात्रावास भी बनाए जाएंगे। उन्होंने सभी स्वास्थ्य संस्थानों से डाक्टर-रोगी और नर्स-रोगी अनुपात को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
यह भी पढ़ें- ...तो हिमाचल के युवाओं की शिक्षक बनने में कम हो गई रुचि? बीएड कालेजों में खाली रह गई हजारों सीटें
ये रहे बैठक में उपस्थित
बैठक में स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विशेष सचिव अश्विनी शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा राकेश शर्मा और निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं गोपाल बेरी उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त सभी मेडिकल कालेजों के प्रधानाचार्य वर्चुअली शामिल हुए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।