Himachal: मंडी आपदा में बेसहारा हुई 10 महीने की नीतिका को हिमाचल सरकार ने 'स्टेट चाइल्ड' किया घोषित, मिलेंगे ये लाभ
Mandi Nitika State Child हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंडी जिले में बादल फटने से अनाथ हुई 10 महीने की नीतिका को राज्य की संतान घोषित किया है। उसे मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत हर महीने 4 हजार रुपये मिलेंगे जो 27 वर्ष की आयु तक जारी रहेंगे। सरकार उसकी शिक्षा और भविष्य की सभी जरूरतों का खर्च भी उठाएगी।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Mandi Nitika Declare State Child, हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में 30 जून की रात को बादल फटने से आई बाढ़ में अपने माता-पिता को खोने वाली 10 महीने की बच्ची को हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत "स्टेट चाइल्ड" के रूप में नामांकित किया गया है। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी की है। मंडी जिला की चच्योट तहसील के तलवाड़ा पंचायत में बादल फटने के कारण बेसहारा हुई दस माह की मासूम नीतिका को सरकार ने राज्य की बच्ची घोषित किया है।
नीतिका के पिता रमेश कुमार (31) की मृत्यु हो गई, जबकि उसकी मां राधा देवी (24) और दादी पूर्णु देवी (59) अभी भी लापता हैं। रमेश घर में घुस रहे पानी का बहाव मोड़ने के लिए बाहर गया था, जबकि उसकी पत्नी और मां मदद के लिए उसके पीछे-पीछे गईं और पानी के तेज बहाव में बह गई और नन्ही नीतिका रोती रही। जिसे साथ लगते घर के व्यक्ति ने रोते हुए पाया था।
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27 साल की उम्र तक हर महीने चार हजार रुपये मिलेंगे
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों का पालन करते हुए, आपदा के दौरान बेसहारा हुए बच्चों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है। सुख-आश्रय योजना के तहत, नीतिका को सरकार की ओर से हर महीने 4 हजार रुपये मिलेंगे। जुलाई और अगस्त के महीनों के लिए 8 हजार रुपये पहले ही स्वीकृत होकर उसके बचत बैंक खाते में जमा कर दिए गए हैं। यह सहायता उसके 27 वर्ष की आयु तक जारी रहेगी।
10 माह की नीतिका को सरकार पूर्ण आश्रय देगी
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्राकृतिक आपदा में बेसहारा हुई नन्ही नीतिका को राज्य की संतान घोषित करने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से पहले ही काननू लागू किया गया है कि आपदा में बेसहारा होने वाले बच्चों को राज्य की संतान का दर्जा दिया जाएगा। इसी के तहत मंडी जिला में आपदा में माता-पिता को खो चुकी इस 10 माह की बच्ची को भी इसी कानून के तहत संरक्षण में लिया गया है।
जो भी करना चाहेगी बच्ची, सरकार देगी सारा खर्च
मंत्री का कहना है कि यह बच्ची भविष्य में जो भी बनना चाहे, जैसे चिकित्सक, इंजीनियर या फिर प्रशासनिक अधिकारी सहित किसी भी क्षेत्र में जाना चाहेगी, सरकार उसकी प्रत्येक आवश्यकता का खर्च वहन करेगी।
क्या है चिल्ड्रन आफ द स्टेट योजना
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से "चिल्ड्रन आफ द स्टेट" योजना बेसहारा बच्चों के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत, सरकार इन बच्चों की देखभाल करती है और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। प्रति माह एक से चार हजार रुपये तक वित्तीय सहायता दी जाती है।
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