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    Himachal Pradesh: अब गांवों में बिना लाइसेंस नहीं चल सकेंगी दुकानें, पंचायतें लगाएंगी जुर्माना, जानिए कैसे बनेगा लाइसेंस

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 11:21 AM (IST)

    Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश में अब गांवों में दुकानें बिना लाइसेंस के नहीं चलेंगी जिसके लिए पंचायत में आवेदन करना होगा। फुटपाथ पर सामान बेचने पर कार्रवाई होगी लेकिन प्राकृतिक उत्पादों के लिए अलग व्यवस्था होगी। हिमाचल प्रदेश ग्रामीण पथ विक्रेता आदर्श उपविधियां 2025 को अधिसूचित किया गया है जिस पर 30 दिनों में आपत्तियां दर्ज करवाई जा सकती हैं।

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    हिमाचल प्रदेश में गांवों में दुकान के लिए भी लाइसेंस अनिवार्य हो गया है।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश में अब गांवों में दुकानें लाइसेंस के बिना नहीं चल सकेंगी। इसके लिए निदेशक पंचायती राज को शुल्क देना होगा और वही लाइसेंस जारी करेंगे। लाइसेंस के लिए पंचायत में आवेदन करना होगा, जो इसे खंड विकास अधिकारी को भेजेगी। फुटपाथ पर चलने वालों को परेशानी न हो, इसके लिए फड़ी लगाकर सामान बेचने पर कार्रवाई होगी।

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    अभी तक शुल्क निर्धारित नहीं किया गया है। प्राकृतिक उत्पादों की बिक्री के लिए पंचायतों की ओर से अलग व्यवस्था की जाएगी। फेरी वालों के लिए लाइसेंस शुल्क और नियम निर्धारित किए गए हैं। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में कारोबार को लेकर कोई नीति नहीं थी। 

    अधिसूचना जारी, 30 दिन में दर्ज करवा सकेंगे आपत्ति 

    इस संबंध में हिमाचल प्रदेश ग्रामीण पथ विक्रेता आदर्श उपविधियां 2025 को अधिसूचित किया गया है। इन नियमों को लेकर आपत्तियां निदेशक पंचायती राज को 30 दिनों के भीतर दर्ज करवाई जा सकती हैं। आपत्तियों के निपटारे के बाद नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है।

    3577 पंचायतों में लागू होंगे नियम

    हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण पथ विक्रेता और स्थानीय बाजार की गतिविधियों को विनियमित करने के लिए नियम बनाए गए हैं। ये नियम प्रदेश की सभी 3577 पंचायतों की प्रशासनिक सीमाओं के भीतर सभी ग्रामीण क्षेत्रों तक लागू होंगे। नियम पंचायत द्वारा अपनाए जाने और प्रकाशित किए जाने की तिथि से लागू होंगे। 

    पंचायत तय करेगी विक्रय क्षेत्र 

    पंचायत अपनी आम या विशेष बैठक में पारित प्रस्ताव द्वारा इन आदर्श उपनियमों को ऐसे क्षेत्रों को विक्रय क्षेत्र घोषित करेगी, जहां लोगों की आवाजाही उचित रूप से अच्छी हो और जहां स्थान भी उपलब्ध हो। फुटपाथ पर विक्रय क्षेत्र की अनुमति नहीं होगी। पंचायत घोषणा के साथ विक्रय क्षेत्र का सटीक चित्र संलग्न करेगी। विक्रय क्षेत्र में प्रत्येक ग्रामीण पथ विक्रेता के लिए न्यूनतम चार गुणा चार फीट का स्थान उपलब्ध कराएगी। पंचायत आम या विशेष बैठक में पारित प्रस्ताव द्वारा प्राकृतिक बाजार घोषित करेगी।

    ऐसे मिलेगा लाइसेंस

    प्रत्येक व्यक्ति जिसने 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है, ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण विक्रय गतिविधियां करना चाहता है, उसे संबंधित पंचायत को लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। निदेशक (ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज) द्वारा समय-समय पर निर्धारित दर पर एकमुश्त लाइसेंस व पंजीकरण शुल्क भी जमा करना होगा। लाइसेंस जारी करते समय हिमाचल के वास्तविक निवासी को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदन प्राप्त होने पर पंचायत पुलिस सत्यापन के लिए आवेदन अग्रेषित करेगी। पुलिस सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने पर आवेदन पर विचार कर उस पर उचित निर्णय लेगी। नियमों का उल्लंघन करने पर पंचायत द्वारा 1,000 रुपये जुर्माने का प्रविधान है। यदि उल्लंघन निरंतर होता है तो अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकेगा जो पहले दिन के बाद प्रत्येक दिन के लिए 10 रुपये तक और 5,000 रुपये से अधिक नहीं होगा।

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