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    Himachal Pradesh: किन्नौर का जवान असम में देश के लिए बलिदान, छह साल का मासूम रोती मां और दादी से पूछ रहा क्या हुआ

    By editorial DrmEdited By: Rajesh Kumar Sharma
    Updated: Wed, 16 Jul 2025 06:47 PM (IST)

    Kinnaur Soldier Pushpendra Negi किन्नौर जिले के 29 वर्षीय नायक पुष्पेंद्र नेगी जो 19 डोगरा रेजीमेंट में थे असम में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। तेज हवाओं के कारण पेड़ की टहनी गिरने से उनकी जान चली गई। उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से चंडीगढ़ होते हुए उनके पैतृक गांव थैमगारंग लाया जाएगा जहाँ सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।

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    बलिदानी पुष्पेंद्र नेगी पत्नी व बच्चे के साथ। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, किन्नौर। Kinnaur Soldier Pushpendra Negi, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के लिए दुःखद खबर सामने आई है। 19 डोगरा रेजीमेंट में तैनात 29 वर्षीय नायक पुष्पेंद्र नेगी असम में ड्यूटी निभाते हुए बलिदान हो गए। जानकारी के अनुसार, अचानक चली तेज हवाओं के कारण पेड़ की टहनी की चपेट में आने से उन्होंने जान गंवा दी।

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    पंचायत थैमगारंग की प्रधान मनोहर देवी ने बताया कि सेना से मिली जानकारी के अनुसार नायक पुष्पेंद्र नेगी का पार्थिव शरीर असम से दिल्ली पहुंच चुका है। इसके बाद, चंडीगढ़ से सेना के वाहन द्वारा उनके पैतृक गांव थैमगारंग लाया जाएगा, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

    नायक पुष्पेंद्र नेगी सोमवार को बलिदान हुए थे और इसकी सूचना सोमवार शाम 6 बजे उनके परिवार को दी गई थी। खराब मौसम के कारण उनके पार्थिव शरीर को हवाई यात्रा से नहीं लाया जा सका, इस कारण सड़क से लाया जा रहा है।

    वीरवार सुबह पहुंचेगी पार्थिव देह

    जवान का पार्थिव शरीर कल वीरवार सुबह 5 से 7 बजे के बीच उनके पैतृक गांव पहुंचने की उम्मीद है। इस दौरान सेना के जवान और जिला प्रशासन की मौजूदगी में उन्हें सलामी दी जाएगी और श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।

    छह वर्षीय बेटे के सिर से उठा पिता का साया

    बलिदानी पुष्पेंद्र नेगी के स्वर्ग सिधार जाने से उनके पिता महेंद्र कुमार, माता सरला देवी, पत्नी कीर्ति नेगी और छह वर्षीय बेटे एतिक का सहारा छिन गया है। छह वर्षीय बेटे के सिर से पिता का साया उठ गया है। वहीं, बुजुर्ग माता-पिता का बुढ़ापे का सहारा छिन गया है। स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है और रिश्तेदार व ग्रामीण उन्हें सांत्वना दे रहे हैं। पूरे किन्नौर जिले में शोक की लहर है।

    परेशान नजरों से सब देख रहा मासूम

    वहीं छह वर्षीय बेटा इन सब बातों से बिलकुल अंजान है, लेकिन वह अपनी माता व दादा-दादी को रोते-बिलखते उन्हें परेशान नजरों से देख रहा है कि ये सब क्यों और किस लिए रो रहे हैं। वह अपनी मां से प्रश्नों की झड़ी लगाते हुए यही पूछता नजर आ रहा है कि ये सब लोग हमारे घर क्यों आ रहे हैं और रो क्यों रहे हैं। वहीं पूरे किन्नौर जिले में शोक की लहर है।

    मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री ने जताया दुख

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीरभूमि के सैनिक के बलिदान होने पर दुख जताया है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर लिखा कि ईश्वर वीर जवान की आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे और शोकग्रस्त परिवार को संबल प्रदान करे। 

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