हिमाचल: दिसंबर आधा बीता पर नहीं मिली नवंबर की पेंशन, दवाएं लेने के लिए भी नहीं पेंशनरों के पास पैसे
हिमाचल प्रदेश में पेंशनरों को नवंबर महीने की पेंशन अभी तक नहीं मिली है, जिससे उन्हें दवाएं खरीदने में भी परेशानी हो रही है। दिसंबर का आधा महीना बीत जा ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश के एचआरटीसी पेंशनरों को पेंशन नहीं मिल पाई है। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। एचआरटीसी से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दिसंबर का आधा महीना बीतने के बाद भी नवंबर की पेंशन नहीं मिल पाई है। पेंशन न मिलने से पेंशनर बुरी तरह से परेशान हैं। आर्थिक तंगी के कारण अपना इलाज तक नहीं करवा पा रहे हैं।
पेंशनरों का कहना है कि दो महीनों में आठ पेंशनरों की मौत हो चुकी है। बीते माह भी माह के अंतिम दिन पेंशन मिली थी।
बीमार पेंशनरों को चिकित्सा भुगतान भी नहीं
हिमाचल पथ परिवहन कल्याण संगठन के प्रदेशाध्यक्ष देवराज ठाकुर और प्रेस सचिव देवेंद्र चौहान ने कहा कि हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि जिन बीमार पेंशनरों को नियमित डायलिसिस की आवश्यकता है, उन्हें भी मेडिकल रीइम्बर्समेंट नहीं मिल रही।
1.50 लाख बिल और भुगतान 25 हजार
उन्होंने बताया कि डायलिसिस वाले पेंशनरों के इलाज के बिल 1.50 लाख रुपये तक पहुंच चुके हैं, लेकिन भुगतान के नाम पर मात्र 25 से 30 हजार रुपये दिए जा रहे हैं, जिससे गंभीर बीमारियों का इलाज संभव नहीं हो पा रहा।
दवा लेने को भी नहीं पैसे
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों से मेडिकल भत्तों का भुगतान लंबित है। प्रदेश के कई पेंशनर आइजीएमसी शिमला सहित अन्य अस्पतालों में इलाज करवा तो रहे हैं, लेकिन दवाओं के लिए पैसे नहीं हैं। मजबूरी में उन्हें रिश्तेदारों से उधार लेना पड़ रहा है।
ये पेंशनर्स झेल रहे सबसे ज्यादा परेशानी
सबसे अधिक परेशानी उन पेंशनरों को झेलनी पड़ रही है, जिनके बच्चे अभी बेरोजगार हैं या निजी नौकरियों में कम वेतन पर काम कर रहे हैं। ऐसे परिवारों के लिए घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। संगठन ने कहा कि सरकार इस उम्र में पेंशनरों को सम्मान देने के बजाय दर दर भटकने के लिए मजबूर कर रही है।
एडवांस में जारी की जाए पेंशन की राशि
कल्याण संगठन ने सरकार से मांग की है कि पेंशन की राशि हर माह एडवांस में जारी की जाए ताकि बुजुर्ग पैंशनरों को इलाज और जीवनयापन के लिए परेशान न होना पड़े। चेतावनी दी गई कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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