Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल: IPS कैडर में शामिल होने वाले वरिष्ठ SP की ACR से किसने की छेड़छाड़, फॉरेंसिक रिपोर्ट में क्या सामने आया?

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 01:39 PM (IST)

    Himachal Pradesh News, शिमला पुलिस हिमाचल प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में कथित छेड़छाड़ मामले की जांच कर रही ह ...और पढ़ें

    Hero Image

    हिमाचल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की एसीआर में कथित छेड़छाड़ हुई है। प्रतीकात्मक फोटो

    चैतन्य ठाकुर, शिमला। हिमाचल प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में कथित छेड़छाड़ मामले में किसका हाथ है, इसका जल्द पता चलेगा। शिमला पुलिस इसकी जांच में जुटी है। सूत्रों के अनुसार, जिस एसपी की एसीआर से छेड़छाड़ का संदेह है, वह आइपीएस कैडर में शामिल होने वाले हैं व वरिष्ठता सूची में उनका नाम सबसे ऊपर है।

    ऐसे में यह मामला न केवल प्रशासनिक बल्कि संवैधानिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) ने जब सर्विस रिकार्ड की जांच के दौरान एसीआर में असमानता देखी तो तत्काल राज्य सरकार से सत्यापन के लिए कहा। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विजिलेंस जांच में पाई गई छेड़छाड़

    मुख्य सचिव के निर्देश पर विजिलेंस विभाग ने लगभग दो साल पहले प्रारंभिक जांच शुरू की। शुरुआती पड़ताल में एसीआर दस्तावेज में छेड़छाड़ के संकेत मिलने के बाद मामले की गंभीरता और बढ़ गई। छोटा शिमला पुलिस थाना में मामला दर्ज कर औपचारिक आपराधिक जांच शुरू की गई। 

    लिखावट जांच में आया सच सामने

    जांच के दौरान पुलिस ने संबंधित एसपी के लिखावट नमूने लिए और उन्हें फोरेंसिक लैब भेजा, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि एसीआर में की कथित एंट्री उसी अधिकारी की लिखावट में है या नहीं। अब फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में यह अहम तथ्य सामने आया कि एसीआर में की गई टेंपरिंग की लिखावट एसपी के नमूनों से मेल नहीं खाती। इससे यह संकेत मिला कि यह कृत्य किसी अन्य व्यक्ति द्वारा जानबूझकर किया गया है।

    अत्यंत गोपनीय और सुरक्षित दस्तावेज से किसने की छेड़छाड़

    फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद जांच की दिशा बदल गई है। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुट गई हैं कि एसीआर जैसे अत्यंत गोपनीय और सुरक्षित दस्तावेज तक किसे पहुंच मिली और किस स्तर पर इसमें बदलाव किया गया। सूत्र बताते हैं कि फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर संबंधित एसपी को इस मामले में क्लीन चिट दिए जाने की संभावना प्रबल है। 

    यह है मामला

    मामला तब उजागर हुआ जब संबंधित एसपी की एसीआर रिपोर्ट यूपीएससी के पास पहुंची। रिपोर्ट में ‘गुड’ की जगह ‘वेरी गुड’ लिखा पाए जाने पर यूपीएससी ने इसमें टेंपरिंग का संदेह जताया और पूरे मामले की सत्यता जांचने के लिए मुख्य सचिव को पत्र भेजा। इसके बाद प्रदेश सरकार के आदेश पर इस संवेदनशील मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई। पुलिस थाना छोटा शिमला में मामला दर्ज किया।  

    इन बिंदुओं पर की जा रही जांच

    जांच एजेंसियों का फोकस अब इस बात पर है कि एसीआर में हेरफेर किस उद्देश्य से किया गया। क्या यह किसी को लाभ पहुंचाने या किसी अधिकारी की छवि प्रभावित करने की साजिश थी। शिमला पुलिस की जांच में रिकार्ड की चेन, फाइल मूवमेंट और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका खंगाली जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में अहम जानकारी सामने आ सकती है। प्रशासनिक गलियारों में इस प्रकरण को बेहद संवेदनशील माना जा रहा है, क्योंकि यह न केवल एक पुलिस अफसर के करियर बल्कि व्यवस्था की विश्वसनीयता से भी जुड़ा है।

    जानबूझकर टेंपरिंग की कोशिश : गांधी

    अब तक की जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने जानबूझकर एसीआर से टेंपरिंग कर एसपी के करियर को प्रभावित करने की कोशिश की है। पुलिस हर पहलू पर छानबीन कर रही है।
    -संजीव गांधी, एसएसपी शिमला।

    यह भी पढ़ें: Himachal News: सेना के जवान ने घर में लगा लिया फंदा, शादी के 20 दिन बाद ही क्यों लगाया मौत को गले? 

    यह भी पढ़ें: हिमाचल: स्कूलों के मिड-डे मील में सब्जी मानकर आलू परोसा तो होगी कार्रवाई, राज्य खाद्य आयोग ने दिए सख्त निर्देश