हिमाचल हाई कोर्ट में एसएमसी शिक्षकों की एलडीआर परीक्षा को चुनौती, न्यायालय ने सरकार से मांगा जवाब
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों के 1427 पदों के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित एलडीआर परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार से ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का शिमला स्थित परिसर। जागरण आर्काइव
विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने 1427 पदों को भरने के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा एसएमसी शिक्षकों के लिए आयोजित किए जा रहे लिमिटेड डायरेक्ट रिक्रूटमेंट (एलडीआर) परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अदालत के आगामी आदेश तक इस प्रक्रिया के आधार पर कोई भी अभ्यर्थी नियुक्ति इत्यादि के अधिकार की मांग नहीं कर सकेगा।
न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रोमेश वर्मा की खंडपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह आदेश दिए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एलडीआर परीक्षा
प्रार्थियों ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद शिक्षकों की नियमित नियुक्ति के बजाय स्कूल शिक्षा बोर्ड के माध्यम से 20 दिसंबर को जारी अधिसूचना के तहत 1427 शिक्षकों के पदों को भरने के लिए एलडीआर परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।
एसएमसी पालिसी के तहत नियुक्त शिक्षकों को बनाया है पात्र
इस परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए केवल 2012 की एसएमसी पालिसी के तहत नियुक्त एसएमसी शिक्षकों को पात्र बनाया है। न्यूनतम सेवा की अवधि पांच वर्ष रखी है और परीक्षा 22 फरवरी 2026 को है।
उल्लंघन से रोकने की मांग
प्रार्थियों ने मांग की है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने से रोका जाए और शिक्षकों की नियमित भर्तियां सीधे तौर पर करवाने के आदेश दिए जाएं। अगर राज्य सरकार को इस प्रक्रिया को पूरा करने दिया जाता है तो इससे बेरोजगार शिक्षकों की नियुक्ति पर सीधा असर पड़ेगा।
हाई कोर्ट ने दिया था हटाने का निर्देश
हाई कोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों को हटाने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद प्रभावित शिक्षकों और सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस आश्वासन के बाद याचिका का निपटारा किया था, जिसके अनुसार भविष्य में अस्थायी शिक्षकों को न तो भर्ती किया जाएगा और न ही एसएमसी शिक्षकों को नियमित किया जाएगा।

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