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    हिमाचल हाई कोर्ट: ...यह वाकई पे-स्केल में गड़बड़ी का बड़ा मामला, 8 सप्ताह के भीतर बराबर वेतन देने का आदेश

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 12:48 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एचआरटीसी के परिचालकों को बड़ी राहत देते हुए निगम को क्लर्कों के बराबर वेतनमान देने का आदेश दिया है। अदालत ने माना कि पर ...और पढ़ें

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    हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का शिमला स्थित परिसर। जागरण आर्काइव

    विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के परिचालकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने परिवहन निगम को आदेश दिए कि वह परिचालकों को क्लर्कों के बराबर का वेतनमान प्रदान करे। 

    कोर्ट ने परिवहन निगम को आदेश दिया कि वह पहली अक्टूबर 2012 से पहली जनवरी 2016 की अवधि के लिए परिचालकों के पद के लिए वही वेतनमान जारी करे, जो हिमाचल प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन ने 24 अक्टूबर 2013 के कार्यालय आदेश के तहत क्लर्कों को दिया था। 

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    कोर्ट ने मानी गड़बड़ी

    न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने याचिकाकर्ता द स्टेट एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन हिमाचल प्रदेश की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि यह मानना होगा कि कार्पोरेशन में परिचालकों के पद के पे-स्केल में वाकई गड़बड़ी थी, जो पहली अक्टूबर 2012 से पहली जनवरी 2016 तक मौजूद थी। 

    आठ सप्ताह में देना होगा लाभ

    कोर्ट ने कहा कि परिचालकों को इस समय के लिए वही वेतनमान दिया जाना चाहिए था जो कार्पोरेशन में क्लर्कों को दिया गया था। इन दोनों पदों के वेतमान में पुरानी समानता है और जो अभी भी वही वेतनमान पा रहे हैं। कोर्ट ने कार्पोरेशन को निर्देश दिया कि परिचालकों को इस निर्णय से उपजे लाभ आठ सप्ताह के अंदर अदा करें।

    यूनियन ने दायर की थी याचिका

    याचिकाकर्ता यूनियन ने हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन में काम करने वाले परिचालकों के वेतनमान में गड़बड़ी के बारे में याचिका दायर की थी। एचआरटीसी दो अक्टूबर 1974 को बना था और साल 1976 में कर्मचारियों के लिए रिक्रूटमेंट और प्रमोशन रूल्स बनाए थे। वेतनमान के पहले रिवीजन से लेकर चौथे रिवीजन तक कार्पोरेशन में परिचालकों और क्लर्क के पदों पर एक ही वेतनमान था। 

    2012 से शुरू हुई थी समस्या

    यह समस्या पहली अक्टूबर 2012 से शुरू हुई थी। राज्य सरकार के 27 सितंबर 2012 की नोटिफिकेशन के आधार पर कार्पोरेशन ने 24 अक्टूबर 2013 को आफिस आर्डर जारी किया। इसमें उसके कर्मचारियों को वही वेतनमान देने की मंजूरी दी गई जो राज्य सरकार ने 27 सितंबर 2012 की नोटिफिकेशन में दिए थे, उन पोस्ट के लिए जो उस नोटिफिकेशन में शामिल थीं। 

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    इसमें परिचालकों की पोस्ट नहीं थी, इसलिए परिचालकों के वेतनमान में कोई बदलाव नहीं हुआ, सिवाय ग्रेड पे को 1900 से बढ़ाकर 2400 रुपये करने के। अब फिर से पहली जनवरी 2016 से लागू 2022 के बदले हुए वेतनमान के तहत कार्पोरेशन ने परिचालकों की पोस्ट को भी उसी पे-स्केल पर रखा है जो क्लर्क को दिया गया था।


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