Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संजौली मस्जिद विवाद: हाई कोर्ट का यथास्थिति बनाए रखने का आदेश, निचली अदालत ने सुनाया था गिराने का फैसला; अब क्या होगा?

    By Rajesh SharmaEdited By: Rajesh Sharma
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 11:24 AM (IST)

    Sanjauli Masjid, शिमला के संजौली में मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा था। निचली अदालत ने मस्जिद को गिराने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ मस्जिद कमेटी ने हाई ...और पढ़ें

    Hero Image

    जिला शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद का ढांचा। जागरण आर्काइव

    जागरण टीम, शिमला। Sanjauli Masjid, हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला की संजौली मस्जिद के मामले में बुधवार सुबह हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने मस्जिद की निचली दो मंजिल को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। कोर्ट में मामले में अगली सुनवाई मार्च में होगी। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि दूसरी मंजिल से ऊपर की मंजिलें गिरानी होगी। जिन मंजिलों को गिराने का वादा खुद किया था, उन्हें गिराना ही होगा। यदि नहीं गिराई तो नगर निगम इन्हें गिराने के लिए स्वतंत्र होगा।

    संजौली मस्जिद मामले में वक्फ बोर्ड की ओर से जिला अदालत के मस्जिद को ढहाने के आदेश के खिलाफ हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में दायर याचिका की गई थी। जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। इस याचिका पर न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की एकलपीठ ने सुनवाई की।

    पहले खारिज कर दी थी याचिका

    इससे पहले सोमवार हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा बहुचर्चित संजौली मस्जिद को अवैध ठहराते हुए ढहाने के आदेश के खिलाफ दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड ने इस रिट याचिका को वापस लेने का आग्रह किया था। 

    नगर निगम को बनाया है प्रतिवादी

    जिस विवाद के कारण याचिका दायर की गई थी उसी को आधार बनाकर उपयुक्त याचिका दायर करने की छूट मांगी थी। इस याचिका में नगर निगम शिमला को प्रतिवादी बनाया गया है। 

    जिला अदालत ने 31 दिसंबर तक गिराने का दिया था आदेश

    30 अक्टूबर को संजौली मस्जिद मामले में शिमला जिला अदालत ने फैसला सुनाया था। अदालत ने नगर निगम (एमसी) शिमला के आयुक्त कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए मस्जिद की निचली दोनों मंजिलों को भी अवैध करार देकर 31 दिसंबर तक गिराने का आदेश दिया था।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज, सरकार की न के बीच आयोग पूरी तरह सक्रिय; मंडी जिले में पहुंचे 8 लाख बैलेट पेपर