Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल हाई कोर्ट की सरकार पर कड़ी टिप्पणी, हालात इतने दयनीय हैं कि बुनियादी परियोजनाओं के लिए 10 प्रतिशत राशि भी उपलब्ध नहीं

    By Chaitanya Thakur Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 11 Dec 2025 05:53 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध न कराने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार द्वा ...और पढ़ें

    Hero Image

    हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का शिमला स्थित परिसर। जागरण आर्काइव

    विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बुनियादी ढांचों से जुड़ी परियोजनाओं को वांछित राशि उपलब्ध न करवाने पर राज्य सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि हालात इतने दयनीय हैं कि जिन परियोजनाओं के लिए केंद्र से 90 प्रतिशत राशि आ रही है उनके लिए राज्य सरकार 10 प्रतिशत राशि भी देने को तैयार नहीं है।

    मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने न्यायिक परिसर सराहां तहसील पच्छाद जिला सिरमौर के निर्माण से जुड़ी अनुपालना याचिका की सुनवाई में यह टिप्पणी की। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोर्ट ने जताया खेद

    कोर्ट ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि ये बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं। लेकिन राज्य सरकार को ऐसा प्रतीत नहीं होता कि वह इन्हें उपलब्ध करवाने के लिए बाध्य है। कोर्ट ने खेद जताया और कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में न्यायिक बुनियादी ढांचे के लाभ के लिए पर्याप्त धन आवंटित नहीं कर रही है और लगातार इसके साथ सौतेला व्यवहार करती आ रही है। इस कारण हाई कोर्ट को बार-बार न्यायिक स्तर पर हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

    अदालत परिसर निर्माण का मामला

    सुनवाई के दौरान एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सराहां के पत्राचार का हवाला देते हुए बताया गया कि उक्त अदालत परिसर के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) द्वारा 50,00,000/- रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। जिसे ठेकेदार को 41,920,203/- रुपये की राशि में पूरा करने का कार्य दिया गया है। इसे पूरा करने की अवधि 18 महीने है। कोर्ट को बताया गया कि काम पूरा होने की निर्धारित तिथि 05.06.2026 होगी। कोर्ट ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर द्वारा दिए गए चार्ट का अवलोकन करने पर पाया कि मार्च, 2025 में केवल 15,00,000/- रुपये की राशि प्राप्त हुई थी।

    21 नवंबर को आदेश पारित किया

    कोर्ट ने कहा कि इससे जाहिर होता है कि राज्य सरकार ने 50,00,000/- रुपये की राशि जारी नहीं करने का फैसला किया और केवल 07.11.2025 को अनुपालना याचिका को पुनर्जीवित करने के लिए आवेदन दाखिल होने के बाद 21.11.2025 को राशि जारी करने संबंधी आदेश पारित किया गया।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश के पेंशनर्स करेंगे सचिवालय का घेराव, 18 संगठनों के पदाधिकारी जुटे शिमला में; 8 बिंदुओं पर किया मंथन 

    दर्शाता है दयनीय स्थिति

    यह केवल राज्य सरकार के कार्यकलापों की दयनीय स्थिति को दर्शाता है, जहां बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं के लिए 10% राशि भी जारी करने को तैयार नहीं है, जबकि 90% राशि केंद्र से आ रही है।

    खंडपीठ ने इस आदेश की एक प्रति हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को भेजने के आदेश भी दिए, ताकि उन्हें हाईकोर्ट को उपलब्ध कराए गए बुनियादी ढांचे के प्रति वित्त और गृह विभागों के सामान्य रवैये की जानकारी रहे।

    यह भी पढ़ें: शिमला शहर में वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू करने की तैयारी, जाम से मिलेगी राहत, ...तो टुटू से चक्कर होकर मिलेगी एंट्री