Himachal High Court: प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष का तबादला आदेश खारिज, 14 सितंबर को हुआ था विवादित स्थानांतरण
Himachal Pradesh High Court हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रमेश कुमार के स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने लता कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि स्थानांतरण आदेश स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करता है और निजी प्रतिवादी रमेश कुमार को समायोजित करने के उद्देश्य से जारी किया गया था।

विधि संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh High Court, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रमेश कुमार के स्थानांतरण आदेश को खारिज कर दिया है। रमेश कुमार को राजकीय केंद्र प्राथमिक पाठशाला (जीसीपीएस) मझवार, शिक्षा खंड सदर जिला मंडी से जीसीपीएस बाल मंडी, शिक्षा खंड सदर-I, जिला मंडी को स्थानांतरित किया गया था।
न्यायाधीश संदीप शर्मा ने जीसीपीएस, बाल मंडी में कार्यरत लता कुमारी की याचिका को स्वीकार करते हुए 14 सितंबर 2025 के विवादित स्थानांतरण आदेश को रद कर दिया और प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता को वर्तमान तैनाती के स्थान पर अपनी सामान्य नियुक्ति अवधि पूरी करने की अनुमति दें।
कोर्ट ने प्रतिवादियों द्वारा दायर जवाब में पाया कि याचिकाकर्ता की वर्तमान स्थान पर तैनाती से पहले 30 किलोमीटर के आसपास के क्षेत्र में वर्ष 2014 में याचिकाकर्ता दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात रही, जैसे कि जीपीएस करकोह, शिक्षा खंड सैगलू, जीपीएस जनेड़, शिक्षा खंड सैगलू और जीपीएस झिरी, शिक्षा खंड औट, जो क्रमशः 115 किलोमीटर, 40 किलोमीटर और 72 किलोमीटर की दूरी पर हैं।
सामान्य कार्यकाल पूरा करने से पहले किया था तबादला
कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि याचिकाकर्ता को हाल ही में जीसीपीएस बाल मंडी, शिक्षा खंड सदर-1 में तैनात किया गया था और सामान्य कार्यकाल पूरा होने से पहले ही स्थानांतरित कर दिया। याचिकाकर्ता लता कुमारी की शिकायत यह थी कि विवादित स्थानांतरण आदेश स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करता है क्योंकि याचिकाकर्ता को वर्तमान तैनाती स्थान पर अपनी सामान्य नियुक्ति अवधि पूरी करने की अनुमति नहीं दी गई है।
प्रारंभिक नियुक्ति से 30 किलोमीटर के दायरे में ही रहे नियुक्त
याचिकाकर्ता ने कहा कि निजी प्रतिवादी रमेश कुमार, जिसे उसके स्थान पर स्थानांतरित किया गया है, अपनी प्रारंभिक नियुक्ति की तारीख से 30 किलोमीटर के दायरे में ही तैनात रहे हैं। प्रार्थी ने दलील दी कि चूंकि निजी प्रतिवादी रमेश कुमार प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हैं, इसलिए वे विकलांगता के बहाने आसपास के स्टेशनों पर अपना समायोजन करवा रहे हैं, जबकि 52 वर्षीय याचिकाकर्ता को बिना किसी गलती के परेशान किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता बोलीं, निजी प्रतिवादी को समायोजित करने के उद्देश्य से जारी किया आदेश
याचिकाकर्ता का कहना था कि यह स्थानांतरण आदेश केवल निजी प्रतिवादी को समायोजित करने के उद्देश्य से जारी किया गया है, जो पिछले कई वर्षों से 30 किलोमीटर के दायरे में कार्यरत है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकारते हुए कहा कि निस्संदेह, निजी प्रतिवादी विकलांग है और इस प्रकार, स्थानांतरण नीति के तहत प्रदान की गई कुछ रियायतों का हकदार है, लेकिन ऐसी रियायतों का उपयोग याचिकाकर्ता, जो 52 वर्षीय महिला है, को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता।
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