Himachal Pradesh: सड़क हादसे में घायल की जान बचाने वाले को 25 हजार रुपये देगी सरकार, पीड़ित के लिए मुआवजा भी किया तय
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वाले राहवीर को प्रोत्साहित करने के लिए 25 हजार रुपये देगी। अज्ञात वाहन से घायल होने पर 50 हजार और मौत होने पर दो लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। सड़क सुरक्षा निधि के तहत 2025-26 के लिए दो करोड़ पांच लाख 73 हजार की वार्षिक कार्ययोजना को मंजूरी दी गई।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh News, सड़क हादसे में पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने वाले 'राहवीर' को सरकार प्रोत्साहित कर 25 हजार रुपये देगी। यदि कोई अज्ञात वाहन की टक्कर से घायल हो जाता है तो उसे 50 हजार रुपये बतौर मुआवजा दिया जाएगा। यदि किसी की मौत होती है तो उसे दो लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा।
राज्य सचिवालय में आयोजित राज्यस्तरीय सड़क सुरक्षा निगरानी एवं प्रबंधन समिति की बैठक में यह निर्णय लिए गए। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने की। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) आरडी नजीम, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) केके पंत, सचिव (लोक निर्माण एवं वित्त) अभिषेक जैन, निदेशक परिवहन डीसी नेगी एवं हितधारक विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।
बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए सड़क सुरक्षा निधि के तहत दो करोड़ पांच लाख 73 हजार (205.73 लाख) की वार्षिक कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया। इसका व्यय हितधारक विभागों के माध्यम से विभिन्न सड़क सुरक्षा गतिविधियों जैसे आइटीएमएस की स्थापना, ब्लैक स्पाट को ठीक करवाना, स्कूलों व कालेजों में सड़क सुरक्षा के बारे में बच्चों को जागरूक करना, स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की स्थापना व आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं के सृजन सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च किया जाएगा।
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सड़क हादसों में आई कमी
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में गत वर्ष की तुलना में लगभग 4.3 प्रतिशत की कमी आई है। दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों सहित घायलों की संख्या में भी लगभग 2.4 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2025-26 के लिए पिछले वर्ष की तर्ज पर सड़क दुर्घटनाओं में 10 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया।
सुप्रीम कोर्ट समिति के निर्देशों पर की चर्चा
बैठक में सुप्रीम कोर्ट समिति (सड़क सुरक्षा) द्वारा दिए दिशानिर्देश व उसके अनुपालन पर भी चर्चा हुई। इसमें ब्लैक स्पाट की पहचान व उनका निवारण करना, पर्याप्त एंबुलेंस की उपलब्धता व ट्रामा केयर प्लान, सड़क दुर्घटना प्रमुख है।
कमेटी गठित करने का सुझाव
बैठक में विभागीय गतिविधियों के अलावा सड़क सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया गया। चालान की कंपाउंडिंग को बढ़ाने व प्रक्रिया को सरल व कारगर बनाने के लिए उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था की अध्यक्षता में समिति गठित करने का सुझाव दिया।
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