हिमाचल: हेल्पबुक से पढ़ाई बच्चों पर डाल रही विपरीत असर, विभाग ने लिया संज्ञान; स्कूल प्रमुखों की जिम्मेदारी तय
हिमाचल प्रदेश में हेल्पबुक से पढ़ाई करने पर बच्चों पर विपरीत असर पड़ रहा है, जिसका शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया है। विभाग ने इस मामले में स्कूल प्रमुख ...और पढ़ें

हिमाचल में शिक्षा विभाग ने हेल्पबुक से पढ़ाई पर संज्ञान लिया है। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षक अब क्लास रूम में हेल्पबुक (गाइड) से नहीं पढ़ाएंगे। कक्षाओं में हेल्पबुक ले जाने पर भी पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। यदि कोई इन आदेशों का उल्लंघन करता है तो उन पर कार्रवाई होगी। निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग आशीष कोहली की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी
आदेश की अनुपालना के लिए मुख्य अध्यापक, प्रधानाचार्य को अधिकृत किया गया है। इन्हें निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई शिक्षक क्लासरूम में हेल्पबुक से पढ़ाते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। निदेशालय को भी इस बारे में सूचित करें।
निदेशालय ने दिया आदेश
शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिलों के उपनिदेशकों को भी निर्देश दिए हैं। उन्हें कहा गया है कि वह स्कूलों का औचक निरीक्षण करें। यदि इस तरह की अनियमितता सामने आती है तो कार्रवाई की अनुशंसा की जाए।
प्रभावित हो रही बच्चों की समझने की क्षमता
शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा है कि अब कक्षा में एनसीईआरटी की पुस्तकें ही पढ़ाई के लिए मान्य होंगी। विभाग के मुताबिक, कुछ स्कूलों में शिक्षक बच्चों को हेल्पबुक से पढ़ा रहे थे। इससे बच्चों की सोच और समझने की क्षमता प्रभावित हो रही थी।
आदेश पहले भी दिए थे, मिली अनियमितताएं
निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग आशीष कोहली ने बताया कि इस तरह के आदेश पहले भी जारी किए गए थे। लेकिन इस तरह की अनियमितताओं के मामले बार बार सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हेल्प बुक बच्चों को तैयार जवाब देती है। शिक्षा का उद्देश्य बच्चों में सोचने-समझने और प्रश्न करने की क्षमता विकसित करना है।

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