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    Himachal: हायर ग्रेड पे वापसी की अधिसूचना को सरकार ने माना प्रशासनिक लापरवाही, पहले भी रहा है ऐसा विवाद

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 12:51 PM (IST)

    Higher Grade Pay Notification मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में उच्च वेतनमान से संबंधित अधिसूचना पर नाराजगी जताई है और जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है और कर्मचारियों को उच्च वेतनमान वापस नहीं लेने का आश्वासन दिया है।

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    हायर ग्रेड पे अधिसूचना को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कार्रवाई की बात की है। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में उच्च वेतनमान (हायर ग्रेड पे) से संबंधित अधिसूचना से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बेहद नाराज हैं। उन्होंने इसे प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

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    हाल ही में वित्त विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में प्रदेश के 89 श्रेणियों के कर्मचारियों से उच्च वेतनमान का लाभ वापस लेने की बात कही गई थी। यह प्रविधान केवल भविष्य में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए लागू होना था।

    इस अधिसूचना के परिणामस्वरूप कर्मचारियों में असंतोष उत्पन्न हुआ, जिससे सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए न केवल अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया, बल्कि आश्वासन दिया कि वर्तमान में लाभान्वित हो रहे कर्मचारियों से उच्च वेतनमान वापस नहीं लिया जाएगा।

    इससे पहले एरियर की अधिसूचना भी रही है विवादित

    मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस प्रकार की गलती स्वीकार्य नहीं है और जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह विवाद उत्पन्न हुआ, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले वित्त विभाग की 0.25 प्रतिशत एरियर जारी करने की अधिसूचना भी विवादित रही है।

    ओपीएस पर जताई नाराजगी

    मुख्यमंत्री सुक्खू ने ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) लागू न करने पर केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पूरी तरह से कर्मचारी हितैषी है। सरकार ने अपने पहले कैबिनेट फैसले में ओपीएस को लागू कर 1.36 लाख कर्मचारियों से किया गया वादा निभाया है।

    ओपीएस लागू करने से वित्तीय पाबंदियां झेल रही सरकार

    उन्होंने बताया कि ओपीएस लागू होने से पहले कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 2500-3000 रुपये की पेंशन मिल रही थी, जो अब बढ़कर 25 से 30 हजार रुपये तक पहुंच चुकी है। हालांकि, ओपीएस लागू करने के बाद प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय पाबंदियों का सामना करना पड़ रहा है।

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    एनपीएस के 10 हजार करोड़ नहीं लौटाए

    मुख्यमंत्री के अनुसार, केंद्र ने एनपीएस के तहत जमा करीब 10 हजार करोड़ रुपये भी अभी तक नहीं लौटाए हैं। इसके अलावा, हर महीने प्रदेश को 1600 करोड़ रुपये के वित्तीय घाटे का सामना करना पड़ रहा है। 

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