नशे पर राज्यपाल ने सरकार को घेरा, ...तो उड़ता हिमाचल बनने में देर नहीं लगेगी, नशाखोरी को बताया अंतरराष्ट्रीय साजिश
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रदेश में बढ़ते नशे की समस्या पर चिंता जताते हुए सरकार से नशा निवारण केंद्र खोलने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नशाखोरी को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाना जरूरी है अन्यथा हिमाचल उड़ता पंजाब बन सकता है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल का कहना है कि यदि प्रदेश में नशे की रोकथाम को गंभीरता से नहीं लिया गया और सरकार समय पर नहीं जागी तो हिमाचल को उड़ता पंजाब की तर्ज पर उड़ता हिमाचल बनने में देर नहीं लगेगी। राजभवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में नशाखोरी की समस्या को नियंत्रित करने के लिए अभी तक प्रभावी कदम उठा लिए जाने चाहिए थे, जो दुर्भाग्यवश अभी तक नहीं उठाए गए हैं।
इस बात का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार अभी सरकारी क्षेत्र में कोई भी नया नशा निवारण केंद्र नहीं खोल पाई है। कुल्लू में जो एक नशा निवारण केंद्र चल रहा है, वह भी रेडक्रास की ओर से संचालित किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर जल्द नशा निवारण केंद्र खोलने की मांग की है।
राज्यपाल शुक्ल ने यह भी कहा कि हिमाचल में नशाखोरी का बढ़ना एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है, क्योंकि हिमाचल एक ओर जहां तिब्बत की सीमा से सटा हुआ है वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू कश्मीर से भी हिमाचल की सीमा लगती है। यह सभी राज्य ड्रग माफिया के लिए कुख्यात हैं और इन राज्यों में अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया बड़े पैमाने पर सक्रिय है, जिसका असर हिमाचल पर भी पड़ा है।
जागरूकता बढ़ी पर सरकार को दिखानी होगी गंभीरता
वाराणसी में आयोजित केंद्र सरकार के नशामुक्ति युवा विकसित भारत कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ी है। लेकिन इसके प्रति सरकार को भी गंभीरता दिखानी होगी।
प्रधानमंत्री मोदी का अभियान गांव-गांव पहुंचा
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नशामुक्त भारत संकल्प से प्रेरित होकर हिमाचल में नशामुक्ति के लिए अभियान शुरू किया, जो अब गांव-गांव पहुंच चुका है। इस अभियान को एनसीसी, युवक मंडलों, महिला मंडलों और पंचायतों का पूरा समर्थन मिला है लेकिन इसमें और तेजी लाने की आवश्यकता है।
10 साल में 340 प्रतिशत मामलों में वृद्धि हुई
उनका कहना था कि प्रदेश में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामलों में एक दशक में 340 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2012 में प्रदेश में एनडीपीएस के 500 मामले आए थे, जो 2023 में बढ़कर 2200 हो गए हैं। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित युवा वर्ग है।
मदद मांगने की जिम्मेदारी सरकार की, विपक्ष की नहीं
हिमाचल प्रदेश में आपदा के लिए केंद्रीय मदद व पुनर्वास के जमीन देने के मामले में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दो टूक कहा कि केंद्र के समक्ष प्रदेश की मांग उठाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है, जयराम ठाकुर की नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जब गृह मंत्री से मिलने गए थे, तो वह जयराम ठाकुर को साथ लेकर जाते और अपनी बात रखते।
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प्रभावितों को बसाने का काम राज्य सरकार का
आपदा प्रभावितों के लिए जमीन केंद्र नहीं देगी और प्रभावितों को बसाने का काम भी प्रदेश सरकार को ही करना है। केंद्र सरकार नुकसान का जायजा लेकर राहत देगी। इसके लिए केंद्र की टीम प्रदेश में आकर आंकलन कर रही है। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी नितिन गडकरी से हिमाचल को अतिरिक्त मदद की मांग की है।
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