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    हिमाचल: आनलाइन आवेदन पर ही होगा अब सरकारी कर्मचारियों का तबादला, पसंद के चार स्टेशन का होगा विकल्प

    By Anil Thakur Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sun, 23 Nov 2025 11:07 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के तबादलों के लिए एक नई ऑनलाइन प्रणाली शुरू की है। अब कर्मचारी ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और अपनी पसंद के चार स्टेशनों का विकल्प दे सकेंगे। इस प्रणाली से तबादलों में पारदर्शिता बढ़ने और कर्मचारियों को सुविधा मिलने की उम्मीद है।

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    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव

    अनिल ठाकुर, शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने अपनी तबादला नीति में बड़े बदलाव किए हैं। यह निर्णय जुलाई में आयोजित निगम की निदेशक मंडल बैठक में लिया गया था, जिसके बाद निगम प्रबंधन निदेशक डा. निपुण जिंदल ने इसकी अधिसूचना जारी की है। 

    नई नीति के अनुसार, कर्मचारियों और अधिकारियों का तबादला अब साल में केवल एक बार किया जाएगा। इसके लिए केवल आनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। कर्मचारी अब अपने चार पसंदीदा स्टेशन का विकल्प भी दे सकेंगे। आवेदन से तैनाती तक का समय तय होगा।

    नई नीति में पहली बार सेंक्शन स्ट्रेंथ (एसएस) और फंक्शनल स्ट्रेंथ (एफएस) का फार्मूला लागू किया गया है। यह बदलाव तबादला प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है। नई नीति में चालक, परिचालक, तकनीकी (वर्कशाप) स्टाफ, मिनिस्ट्रियल स्टाफ और चैकिंग स्टाफ शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य हर इकाई पर कुल पदों और उन पर कार्यरत कर्मचारियों के बीच संतुलन बनाए रखना है।

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    अब ऐसे होंगे तबादले

    कर्मचारियों के सामान्य तबादले साल में केवल एक बार किए जाएंगे, और 31 मार्च के बाद कोई भी तबादला नहीं होगा। तबादले के लिए, पहली जनवरी तक वर्तमान स्थान पर कम से कम तीन साल का कार्यकाल पूरा करना होगा। यदि कार्यकाल एक दिन भी कम होता है, तो उसे शार्ट स्टे माना जाएगा।

    एसएस व एफएस क्या है नियम

    एसएस और एफएस के नियमों के अनुसार, एसएस का अर्थ है सेंक्शन स्ट्रेंथ, जो यह दर्शाता है कि किसी डिपो या यूनिट में किस श्रेणी के कर्मचारियों की कुल संख्या कितनी है। वहीं, एफएस का अर्थ है फंक्शनल स्ट्रेंथ, जो यह बताता है कि कुल सृजित पदों के अनुसार कितने कर्मचारी कार्यरत हैं। 
    तबादले के लिए आए आवेदन में दिए गए विकल्पों की जांच की जाएगी कि क्या ये नियम पूरे हो रहे हैं या नहीं। 10 जनवरी तक हर डिपो से एसएस और एफएस के तहत कर्मचारियों का ब्यौरा निगम मुख्यालय को भेजा जाएगा, ताकि तबादले उसके अनुरूप किए जा सकें। कई डिपो में सृजित पदों से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि कुछ में कमी है। इस नीति के माध्यम से इस गैप को समाप्त किया जाएगा।

    एमडी गठित करेंगे कमेटी

    10 जनवरी से 31 जनवरी तक तबादले के लिए आनलाइन आवेदन होंगे। फरवरी में निगम मुख्यालय इसकी छंटनी करेगा। तबादलों के लिए निगम के एमडी एक कमेटी गठित करेंगे। 15 मार्च तक तबादला आदेश जारी कर दिए जाएंगे। 31 मार्च तक तबादलों में यदि कोई आपत्ति हैं तो दे सकेंगे। 31 मार्च के बाद कोई अनुरोध स्वीकार नहीं होगा। तबादला होने पर पांच अप्रैल तक रिलीव करना होगा। यूनिट अधिकारी यदि समय पर रिलीव नहीं करता तो वह यूनिट अधिकारी उत्तरदायी होगा और उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। समय पर ज्वाइन नहीं करने पर भी कार्रवाई होगी।

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    तबादले के लिए अनिवार्य पात्रता

    • पहली जनवरी तक वर्तमान स्थान पर कम से कम तीन वर्ष पूरा होना जरूरी। तभी आवेदन स्वीकार होगा।  
    • जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति दो वर्ष के भीतर है उन्हें अनिवार्य तबादलों से छूट दी जाएगी।
    • म्यूचुअल आधार पर तबादले के लिए भी तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होना चाहिए। उनका अनुरोध केवल म्यूचुअल/आपरिवर्तनीय समझौते के आधार पर स्वीकृत होगा।
    • तबादला आवेदन आनलाइन ही स्वीकार होगा।
    • ऐसे कर्मचारी जिनके स्थान पर विविध कारणों से उपयुक्त प्रतिस्थापन उपलब्ध नहीं है (विशेषज्ञ/टेक्नीशियन इत्यादि), उनके मामले ट्रांसफर कमेटी की सिफारिश पर छूट के तहत रखे जा सकते हैं।
    • व्यक्तिगत या चिकित्सा कारणों से छूट के लिए कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं। ऐसे मामलों में मेडिकल बोर्ड की सिफारिश और प्रामाणिक दस्तावेज आवश्यक होंगे।
    • पति-पत्नी दोनों एचआरटीसी में कार्यरत हैं तो सह तैनाती का प्रयास किया जाएगा। विशेषकर जब किसी एक ने आवश्यक अवधि पूरी कर ली हो। 
    • जनजातीय क्षेत्रों में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारी गैर जनजातीय क्षेत्रों में बदले जाएंगे।

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