शिमला में सड़क पर कैसे पड़ गया इतना बड़ा गड्ढा कि फंस गई बस, क्या फोरलेन सुरंग बनी हादसे का कारण? DC ने लिया एक्शन
शिमला के भट्टाकुफर में सड़क धंसने से एक स्कूली बस फंस गई और एक बच्ची गड्ढे में गिर गई, जिसे स्थानीय लोगों ने सुरक्षित निकाला। लोगों ने एनएचएआई की सुरंग निर्माण को हादसे का कारण बताया और आरोप लगाया कि इससे पुरानी सड़क को नुकसान हो रहा है। उपायुक्त शिमला ने तत्काल प्रभाव से फोरलेन के कार्य पर रोक लगा दी है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

शिमला के भट्टाकुफर में सड़क धंसने से फंसी बस।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शनिवार सुबह 7.20 पर भट्टाकुफर में स्कूली बच्चों को लेने के लिए आई बस अचानक सड़क धंसने से फंस गई। एक बच्ची भी गड्ढे में गिर गई। मौके पर मौजूद पिकअप चालक ने अपने वाहन से रस्सी निकालकर और गड्डे में गिरी बच्ची के पास फेंक दी, बच्ची ने खुद को रस्सी से बांधा और बस कर्मचारियों के साथ मिलकर इसे बाहर निकाल लिया।
बस चालक शुभम ने बताया कि उस समय एक ओर बस आई व पिकअप वाले की मदद से बच्ची को निकाला जा सका। बच्ची आठवीं कक्षा में पढ़ती है और स्कूल जा रही थी।
सुरंग से हो रहा नुकसान
घटना के बाद स्थानीय लोगों में एनएचएआई के खिलाफ गुस्सा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इलाके में एनएचएआई की सुरंग से बाजार में सालों पुरानी सड़क को नुकसान हो रहा है।
मौके पर पहुंचे उपायुक्त, सुरंग कार्य पर लगाई रोक
हादसे के बाद उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने मौके का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर ही कहा कि एडीएम शिमला व एएसपी शिमला पूरे फोरलेन के कार्य का निरीक्षण कर रिपोर्ट देंगे। अगले आदेश तक इसके काम पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
एनएचएआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग
भट्टाकुफर के पार्षद नरेंद्र ठाकुर का कहना है कि एनएचएआई की टनलिंग के कारण सड़क धंस गई है। उन्होंने एनएचएआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पार्षद ने आरोप लगाया है कि प्राधिकरण के अधिकारी गुंडागर्दी करने पर उतर आए हैं।
भट्टाकुफर में गिरे मकान का नहीं मिल पाया मुआवजा
इससे पहले भी भट्टाकुफर में इनकी वजह से एक महिला का मकान गिर गया था, जिससे 5 करोड़ का मुआवज़ा देने की बात कही गई थी। अब तक यह मुआवज़ा भी नहीं मिला है। भट्टाकुफर में बड़ी आबादी बसती है और जिस तरह गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ कर काम किया जा रहा है, उससे आने वाले वक़्त में और बड़े नुक़सान की आशंका है।
प्रधान ने बताए थे सुरंग के नुकसान
स्थानीय निवासी अमित ठाकुर ने बताया कि एक महीना पहले स्थानीय प्रधान ने फोरलेन के अधिकारियों से मिलकर बातचीत की थी। उन्हें सुरंग बनाने से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत करवाया, इसके बावजूद वे सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस पर कोई कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में आंदोलन पर उतरना लोगों की मजबूरी होगी।
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सड़क से 40 मीटर नीचे बन रही है सुरंग
सड़क से लगभग 40 से50 मीटर नीचे ही सुंरग का निर्माण किया जा रहा है। इस फोरलेन के तहत ढली से लेकर भट्टाकुफर के बीच में सुंरग बननी है। इसका काम काफी समय से चला है। इसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं, इसके बावजूद काम लगातार जारी है। इस विरोध के चलते ही जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा।

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