पहाड़ सी चुनौतियां पार कर हिमाचल बना पूर्ण साक्षर राज्य, किस तरह व कौन सी योजनाओं से पाया मुकाम
Himachal Pradesh Fully Literate State हिमाचल प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है। प्रदेश ने इस मुकाम को पाने के लिए कई ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Fully Literate State, हिमाचल प्रदेश चुनौतियों को पार कर आज पूर्ण साक्षर राज्य बन गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल के पूर्ण साक्षर राज्य बनने की घोषणा की। शिमला के राज्य अतिथि गृह पीटरहाफ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीएम ने यह घोषणा की।
इस मुकाम को पाने के लिए प्रदेश को पहाड़ सी चुनौतियों को पार करना पड़ा है। इसके पीछे जहां सत्ता में रही सरकारों की सकारात्मक सोच है, वहीं शिक्षकों का परिश्रम भी।
हिमाचल में 17,330 स्कूल
वर्ष 1948 में हिमाचल में 261 प्राथमिक, 52 माध्यमिक और नौ उच्च स्कूल थे। एक से दूसरे स्कूल की दूरी बेहद दूर थी। स्कूल पहुंचना मुश्किल होता था, लेकिन सरकारों ने इस दर्द को समझा और स्कूलों की संख्या बढ़ाई। मौजूदा समय में प्रदेश में निजी व सरकारी 17,330 शिक्षण संस्थान हैं। इनमें 9,742 प्राथमिक, 1732 माध्यमिक, 962 उच्च, 1988 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हैं।
इसके अलावा गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण केंद्र 71, राजकीय स्नातक महाविद्यालय 34, संस्कृत महाविद्यालय नौ, जवाहर लाल नेहरू ललित कला महाविद्यालय एक, एससीईआरटी एक व राजकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय एक है। निजी कालेज, विश्वविद्यालय व स्कूल भी हैं।
पहली से आठवीं तक दिया सबसे ज्यादा ध्यान
साक्षरता दर बढ़ाने के लिए पहली से आठवीं कक्षा तक सबसे ज्यादा ध्यान दिया। साक्षरता पर जितने भी कार्यक्रम केंद्र सरकार ने शुरू किए हिमाचल ने उनमें कार्य किया। पहले शैक्षणिक मामलों को एक निदेशालय संचालित करता था। उच्च शिक्षा निदेशालय का अलग से गठन किया। शिक्षा का अधिकार अधिनियम को हिमाचल में लागू किया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला हिमाचल पहला राज्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना। केंद्र की मिड डे मील योजना को हिमाचल ने बढ़ाया। इसमें दूध, अंडा, ताजे फल देना शुरू किया। स्कूलों में किचन गार्डन तैयार किए।
स्कूल जाने से वंचित रहे बच्चों की पहचान की
वर्ष 2024-25 में 3397 स्कूल जाने से वंचित बच्चों की पहचान की। इनमें 2510 बच्चों का विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में दाखिला करवाया। 22 ने स्वेच्छा से औपचारिक शिक्षा प्रणाली से पुन: जुड़ने का मार्ग अपनाया। हिमाचल में प्री प्राइमरी से जमा दो तक के बच्चों से सरकारी बसों में किराया नहीं लिया जाता। कालेज छात्रों के भी रियायती दर पर पास बनाए जाते हैं।
न्यू इंडिया लिटरेसी कार्यक्रम में एक लाख निरक्षर लोगों की पहचान की
केंद्र सरकार का न्यू इंडिया लिटरेसी कार्यक्रम जिसे उल्लास नाम दिया है वह हिमाचल में चल रहा है। एक लाख निरक्षर लोगों की पहचान कर उन्हें साक्षर बनाने का कार्यक्रम शुरू किया। 42,578 ने परीक्षा उत्तीर्ण कर दी है। इस महीने दोबारा यह परीक्षा होगी। पूर्ण साक्षर के लिए जो केंद्रीय मानक चाहिए उसे हिमाचल ने हासिल कर दिया है।

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