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    चुनाव आयोग की यूथ-आइकॉन ने फिर रचा इतिहास, Phd करने वाली हिमाचल की पहली दृष्टिबाधित महिला बनी मुस्कान

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 01:02 PM (IST)

    Himachal Pradesh News, चुनाव आयोग की यूथ-आइकॉन मुस्कान ने इतिहास रच दिया है। वह हिमाचल प्रदेश की पहली दृष्टिबाधित महिला बन गई हैं जिन्होंने पीएचडी की ...और पढ़ें

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    अपने शोध निर्देशक डा. मृत्युंजय शर्मा के साथ डा. मुस्कान नेगी। सौजन्य विश्वविद्यालय प्रशासन

    जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh News,  भारतीय चुनाव आयोग की यूथ आइकॉन, बेहतरीन दृष्टिबाधित गायिका और असिस्टेंट प्रोफेसर मुस्कान नेगी के नाम एक और उपलब्धि जुड़ी है। मुस्कान नेगी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाली पहली शत-प्रतिशत महिला दृष्टिबाधित बनी हैं।

    उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि डा. मुस्कान नेगी ने डा. मृत्युंजय शर्मा के निर्देशन में संगीत विषय में पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। 

    मुस्कान शिमला के राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) में असिस्टेंट प्रोफेसर और दिव्यांगों के सशक्तीकरण के लिए कार्यरत संस्था उमंग फाउंडेशन की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। आरकेएमवी की प्रिंसिपल प्रोफेसर अनुरिता सक्सेना ने भी मुस्कान को बधाई दी है।

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    क्या कहते हैं शोध निर्देशक 

    डा. मुस्कान नेगी के शोध निर्देशक डा. मृत्युंजय शर्मा के अनुसार विश्वविद्यालय से संगीत विषय में एमए, एमफिल और पीएचडी की पढ़ाई के दौरान इस प्रतिभाशाली छात्रा ने कड़ी मेहनत की और दृष्टिबाधित होने को एक चुनौती समझकर उस पर विजय प्राप्त की।

    2017 से चुनाव आयोग की यूथ आइकॉन

    प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि डा. मुस्कान वर्ष 2017 से भारतीय चुनाव आयोग की यूथ आइकान है। शिमला के पोर्टमोर स्कूल और राजकीय कन्या महाविद्यालय में उमंग फाउंडेशन की सहायता से दाखिला लेने वाली पहली दृष्टिबाधित छात्राओं में से एक है।

    टाकिंग साफ्टवेयर वाले लैपटाप और मोबाइल को बनाया माध्यम

    डा. मृत्युंजय शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा में ब्रेल पाठ्य सामग्री पर निर्भरता नहीं हो सकती। इसलिए डा. मुस्कान नेगी ने टाकिंग साफ्टवेयर वाले लैपटाप और मोबाइल के माध्यम से पढ़ाई में ई-रिसोर्सेस का भरपूर इस्तेमाल किया। 

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    डॉ. मुस्कान ने किसे दिया सफलता का श्रेय

    डा. मुस्कान नेगी इस सफलता का पहला श्रेय माता-पिता अंबिका देवी और जयचंद के साथ अपने सभी स्वजन को देती हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता ने बचपन से उसका हौसला बढ़ाया और पढ़ाई व गायन के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की लगातार प्रेरणा दी।

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