हिमाचल बिजली बोर्ड में पदोन्नति व तबादलों पर छिड़ी जंग, ...मुख्यमंत्री कार्यालय की मंजूरी को लेकर विरोध
Himachal Pradesh govt Employees हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने फील्ड कर्मचारियों की पदोन्नति फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजने के आदेश का विरोध किया है। यूनियन का कहना है कि इससे पदोन्नति में देरी होगी क्योंकि पहले मंडल और वृत्त स्तर पर ही पदोन्नतियां होती थीं। उनका मानना है कि यह सेवा नियमों के खिलाफ है और मुख्यमंत्री कार्यालय पर अनावश्यक काम का बोझ बढ़ेगा।

जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh govt Employees, हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने बोर्ड प्रबंधन के उस कार्यालय आदेश का कड़ा विरोध किया, जिसके तहत सभी फील्ड कर्मचारियों की पदोन्नति पर नियुक्ति की फाइल को मुख्यमंत्री कार्यालय को अनुमोदन के लिए भेजना प्रस्तावित है।
कर्मचारियों ने कहा कि इससे फील्ड कर्मचारियों की पदोन्नति में भारी देरी होगी। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा कहा कि बिजली बोर्ड में टीमेट से सहायक लाइनमैन की पदोन्नति के लिए मंडल स्तर पर और सहायक लाइनमैन से लाइनमैन की पद्दोन्नति वृत्त स्तर पर होती रही है।
इस तरह की प्रदेश में 100 से ऊपर की कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी हैं। अबतक अपने स्तर पर ही पदोन्नति पर पोस्टिंग करते आए हैं। बिजली बोर्ड प्रबंधन के कार्यालय आदेश जारी कर अब यह सब पदोन्नति की सिफारिशें अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय जाएंगी।
आदेश सेवा नियम के विपरीत
पहले 2023 में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए निर्देश दिए थे। इसकी अनुपालना सही से न होने के कारण अब फिर से बोर्ड के कार्यकारी निदेशक कार्मिक की तरफ से ये आदेश जारी किए हैं। यूनियन का मानना है कि यह सेवा नियम के विपरीत है। बोर्ड में इस प्रक्रिया के शुरू होने से एक ओर फील्ड तकनीकी श्रेणी की पदोन्नतियों में अनावश्यक देरी होगी। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय में गैर जरूरी कार्य बढ़ जाएगा।
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तुरंत आदेश वापस लेने की मांग
उन्होंने बोर्ड प्रबंधन से वर्तमान में शुरू की गई परंपरा का ज्ञापन सौंप कर विरोध किया। इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा बोर्ड में पहले ही फोरमैन, कनिष्ठ अभियंता, वरिष्ठ सहायक व अन्य तकनीकी श्रेणी की पदोन्नति की फ़ाइल बड़े समय से अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में पड़ी है। जल्द ही इस मामले को प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी उठाएंगे। इससे पदोन्नति में यह अनावश्यक देरी को रोका जा सके।
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