हिमाचल में क्यों छठी से 12वीं कक्षा तक नहीं पढ़ा रहे शिक्षक, शिक्षा विभाग के क्या हैं निर्देश, क्यों हो रही अवहेलना?
Himachal Govt School Teachers हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब प्रवक्ता छठी से 12वीं कक्षा तक पढ़ाने से इनकार नहीं कर पाएंगे। ऐसा करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से ऐसे शिक्षकों का रिकॉर्ड मांगा है। 23 जुलाई को जारी अधिसूचना के बावजूद कई शिक्षकों द्वारा आदेशों का पालन न करने की शिकायतें मिली थीं।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Govt School Teachers, हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रवक्ता (स्कूल न्यू) अब कक्षा छठी से 12वीं तक के बच्चों को पढ़ाने से इन्कार नहीं कर पाएंगे। यदि वह ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के उपनिदेशक व स्कूल प्रधानाचार्यों से इसका रिकाॅर्ड तलब किया है।
दो दिनों के भीतर यह रिकार्ड निदेशालय भेजना होगा। इसके आधार पर विभाग आगामी कार्रवाई अमल में लाएगा।
कई शिक्षक नहीं मान रहे आदेश
स्कूल शिक्षा विभाग ने बीते 23 जुलाई को अधिसूचना जारी की थी, जिसमें प्रवक्ता स्कूल न्यू को कक्षा छह से 12वीं तक पढ़ाने को कहा गया है। निदेशालय को ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि कई शिक्षक इन आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं। विभाग ने इसे आदेशों की अवहेलना बताया है।
निदेशालय ने पूरा ब्योरा मांगा
अतिरिक्त निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग बीआर शर्मा की ओर से इस संबंध में सभी जिलों के उपनिदेशक व प्रधानाचार्य को पत्र जारी किया है। इसमें ऐसे पूरा रिकॉर्ड निदेशालय भेजने को कहा गया है। इसमें पूछा गया है कि कितने ऐसे प्रवक्ता स्कूल न्यू हैं जो इन आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। इनका नाम व स्कूल का पूरा ब्यौरा निदेशालय भेजे।
नियमों में है प्रविधान
विभाग के अनुसार नियमों में इसका प्रविधान पहले से है, लेकिन इसकी पालना नहीं हो रही थी। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने भर्ती एवं पदोन्नति नियम (आरएंडपी) नियमों और शिक्षा कोड के प्रविधानों को दोहराते हुए सभी सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि प्रवक्ता (स्कूल न्यू) को कक्षा छठी से 12वीं तक पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाए।
यह देखा गया है कि कई संस्थानों में प्रवक्ता को केवल कक्षा 11 और 12 की पढ़ाई तक सीमित कर दिया जाता है, जो न तो आरएंडपी नियमों के अनुसार है और न ही उनकी नियुक्ति की शर्तों के अनुरूप। आरएंडपी नियमों के अनुसार प्रवक्ता (स्कूल न्यू) को कक्षा 11 और 12 में स्नातकोत्तर विषयों के साथ कक्षा छठी से 10वीं तक स्नातक स्तर के विषय पढ़ाने की पात्रता है।
प्रधानाचार्य सौंपेंगे शिक्षण कार्य
शिक्षा कोड के अनुसार, विद्यालय के प्रधानाचार्य को यह अधिकार है कि वे संस्थागत आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षण कार्य सौंपे। लेक्चरर (स्कूल न्यू) को निचली कक्षाओं में पढ़ाने की जिम्मेदारी देना न केवल प्रशासनिक रूप से वैध है, बल्कि यह स्कूलों की शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक भी है। विभाग के इस निर्णय से स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं खलेगी। वहीं खाली पद होने के चलते अन्य शिक्षकों को जो पढ़ाने का अतिरिक्त काम दिया जाता है वह भी खत्म होगा।
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