हिमाचल प्रदेश में 235 TGT व लेक्चरर बने हेडमास्टर, तय समय में ज्वाइन न किया तो पदोन्नति आदेश होगा निरस्त
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग ने 235 टीजीटी और लेक्चरर को हेडमास्टर के पद पर पदोन्नत किया है। पदोन्नति पाने वाले शिक्षकों को एक निश्चित समय सीमा के भ ...और पढ़ें

हिमाचल शिक्षा विभाग ने 235 शिक्षकों को पदोन्नत कर हेडमास्टर बनाया है। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग ने 235 टीजीटी व पदोन्नत प्रवक्ताओं को मुख्य अध्यापक (हेडमास्टर) बनाया है। स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। 30 किलोमीटर या उससे कम दूरी होने पर एक दिन में ज्वाइन करना होगा।
विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 30 किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर पांच दिन में ज्वाइन करना अनिवार्य है।

तय समय में ज्वाइन न किया तो पदोन्नति निरस्त
निर्धारित समय में ज्वाइन न करने पर पदोन्नति आदेश स्वतः एक वर्ष या अगले डीपीसी तक के लिए निरस्त माने जाएंगे। किसी भी परिस्थिति में ज्वाइन करने की अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी।

विभाग ने दिए ये आदेश
शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रधानाचार्यों / मुखाध्यापकों के लिए निर्देश दिए गए हैं कि वे तुरंत प्रभाव से नए पदोन्नत अधिकारियों को राहत दें, यानी उन्हें रिलीव कर दें। राहत देने से पूर्व निम्न बिंदुओं की पुष्टि अनिवार्य है।

पदोन्नति के साथ हाई स्कूलों में तैनाती
निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग आशीष कोहली की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। पदोन्नति के साथ इन्हें हाई स्कूलों में तैनाती दी गई है। विभाग की ओर से जारी आदेशों में सभी मुख्य अध्यापकों को तय समय के भीतर नए स्थानों पर ज्वाइनिंग के आदेश दिए गए हैं।
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उपनिदेशक को भेजनी होगी जवाइिनंग रिपोर्ट
पदोन्नत मुख्य अध्यापकों को अपनी ज्वाइनिंग रिपोर्ट संबंधित जिला के उप निदेशकों को भेजनी होगी। यहां से ये रिपोर्ट निदेशालय आएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी शिक्षक यदि पदोन्नति को ठुकराता है तो उसे इसका कारण बताना होगा। सार्वजनिक हित में पदोन्नति नहीं ठुकरा सकता। यदि कोई लिखित रूप से पदोन्नति छोड़ने का अनुरोध करेगा, तो भी वह एक साल तक पदोन्नत नहीं होगा।



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