हिमाचल की पंचायतों का 170 करोड़ रुपये का बजट कहां गायब? भाजपा ने मंत्री के जवाब को बताया गैर जिम्मेदाराना, उठाए 4 सवाल
Himachal Pradesh Panchayat, भाजपा ने हिमाचल प्रदेश की पंचायतों के 170 करोड़ रुपये के बजट पर सवाल उठाए हैं। पार्टी प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कांग्रे ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश में पंचायत बजट पर घमासान मचा हुआ है। प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh Panchayat, हिमाचल प्रदेश की पंचायतों का 170 करोड़ रुपये का बजट कहां गायब हो गया है। भाजपा ने इस पर सवाल उठाए हैं। पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कांग्रेस सरकार और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की 3577 पंचायतों के विकास कार्यों को जानबूझकर ठप किया गया है।
15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र से आए ₹170 करोड़ अब तक पंचायतों तक नहीं पहुंचाए गए हैं। यह सरकार की प्रशासनिक नाकामी नहीं बल्कि साफ-साफ लापरवाही और वित्तीय अव्यवस्था का प्रमाण है।
पंचायतों तक किस्त न पहुंचना बेहद चिंताजनक
संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि सितंबर-अक्टूबर 2025 में केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई पहली किस्त पंचायतों तक न पहुंचना बेहद चिंताजनक है। इसी फंड से गांवों में स्वच्छता, पेयजल, सड़क मरम्मत, रिटेनिंग वॉल, पंचायत भवन, सार्वजनिक स्थल, महिला व युवक मंडलों के कार्य होने थे, लेकिन आज ये सभी विकास कार्य ठप पड़े हैं।
ग्रामीण विकास पूरी तरह से ठप
उन्होंने कहा कि जब पंचायतों के खातों में पैसा ही नहीं पहुंचा तो उपयोगिता प्रमाण पत्र, प्रगति रिपोर्ट और दूसरी किस्त की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी? कांग्रेस सरकार ग्रामीण विकास को पूरी तरह से पंगु बना चुकी है।
इस तरह होता है वितरण
प्रदेश प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि 15वें वित्त आयोग की यह राशि 100% केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है, इसमें राज्य सरकार का एक रुपया भी नहीं लगता। इस राशि का वितरण 70 प्रतिशत पंचायतों को, 15 प्रतिशत पंचायत समितियों को और 15 प्रतिशत जिला परिषद को किया जाता है।
टाइड फंड स्वच्छता व पेयजल के लिए और अनटाइडेड फंड स्थानीय प्राथमिकताओं के विकास कार्यों के लिए होता है। लेकिन सुक्खू सरकार की लापरवाही के कारण न टाइड फंड जारी हुआ और न ही अनटाइडेड फंड।
मंत्री का जवाब बेहद गैर जिम्मेदाराना, उठाए चार सवाल
संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि पंचायती राज मंत्री यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि “रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट करेंगे”, लेकिन ₹170 करोड़ जैसी भारी राशि पर यह जवाब बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। सरकार को तुरंत यह बताना होगा कि: ₹170 करोड़ आखिर किसकी जिम्मेदारी में अटका है? पैसा किस खाते में पड़ा है? पंचायतों में रुके विकास कार्यों की भरपाई कब होगी? ग्रामीण जनता को इस देरी की सजा क्यों भुगतनी पड़ रही है?
संघर्ष की चेतावनी
भाजपा प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र पंचायतों में यह राशि जारी नहीं की तो भाजपा सड़क से सदन तक जोरदार संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल धन का मामला नहीं बल्कि प्रदेश के गांवों के भविष्य से खिलवाड़ है और भाजपा इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।

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