हिमाचल विधानसभा में बोले CM, आर्थिक स्थिति से आप ही नहीं मैं भी चिंतित, बढ़े हुए वेतन-भत्तों के लिए करना होगा इंतजार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वे विधायकों की तरह राज्य की आर्थिक स्थिति से चिंतित हैं। विधायक क्षेत्र विकास निधि की तीसरी किस्त जारी करने में दिक्कत आ रही है। मार्च में वेतन भत्ते बढ़ने के बावजूद भुगतान नहीं हुआ है। विधायकों को मिलने वाले भत्तों में कटौती की गई है। सरकार इस महीने भी विधायकों को बढ़ा हुआ वेतन और भत्ता शायद नहीं दे पाएगी। केंद्र से सहयोग मिलने पर ही निधि जारी होगी।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में संबोधित करते मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। सौ. विधानसभा
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सदन में बैठे सभी माननीयों की तरह मैं भी चिंतित हूं। उन्होंने कहा कि विधायक क्षेत्र विकास निधि प्रत्येक विधायक का अधिकार है। सरकार दो किस्तें जारी कर चुकी है। तीसरी किस्त जारी करने की स्थिति में दिक्कत आ रही है।
मार्च में बढ़े भत्ते सात माह बाद भी नहीं मिले
मुख्यमंत्री ने इसका कारण हिमाचल का आर्थिक संकट बताया। उन्होंने भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती का नाम लेकर बताया कि उन्होंने ठीक कहा कि मार्च महीने में वेतन भत्ते बढ़े, लेकिन सात महीने गुजर जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ।
विधायक भत्तों में 60 हजार की कटौती की
सीएम ने कहा कि माननीयों को मिलने वाले विधायक भत्तों में 60 हजार की कटौती की गई थी। प्रत्येक विधायक को 30 से 40 हजार का आयकर चुकाना पड़ता है। टेलीफोन बिल व अन्य बिलों का भुगतान करना पड़ रहा है।
इस महीने भी नहीं मिलेगा बढ़ा हुआ वेतन व भत्ता
मुख्यमंत्री सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा प्वाइंट ऑफ आर्डर के माध्यम से विधायक क्षेत्र विकास निधि को लेकर उठाए गए मामले पर बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खराब वित्तीय हालत के चलते सरकार शायद इस माह भी विधायकों को बढ़ा हुआ वेतन और भत्ता नहीं दे पाएगी।
हिमाचल के विधायक खुद भर रहे बिजली पानी के बिल
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा देश की इकलौती ऐसी विधानसभा है, जहां विधायक आयकर से लेकर बिजली-पानी के बिलों तक का भुगतान खुद करते हैं।
केंद्र से सहयोग मिला तभी मिलेगी विधायक विकास निधि
सीएम ने कहा कि यदि केंद्र से आर्थिक सहयोग मिलता है, तभी सरकार इस माह विधायक क्षेत्र विकास निधि की तीसरी किस्त जारी कर सकेगी।
राजस्व अनुदान घाटा कम हुआ
प्रदेश का राजस्व अनुदान घाटा (आरडीजी) 11 हजार करोड़ रुपये से घटकर 32 सौ करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसके अलावा हिमाचल में ओपीएस लागू करने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य की कर्ज लेने की सीमा भी 4800 करोड़ रुपये की सीमा कम कर दी है और राज्य को मिलने वाली 1600 करोड़ रुपये की ग्रांट भी बंद कर दी है।
सरकार ने दिनचर्या में गैर जरूरी खर्च बंद किए
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में सरकार ने अपनी दिनचर्या चलाने के लिए सभी तरह के गैर जरूरी खर्च को बंद किया है, ताकि कर्मचारियों को वेतन-भत्ते और पेंशन सहित विकास के अन्य कार्यों को जारी रखा जा सके।
जयराम ठाकुर ने उठाया विधायक विकास निधि का मामला
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह मामला उठाते हुए कहा कि सरकार ने मौजूदा साल के लिए अभी तक विधायक क्षेत्र विकास निधि की केवल दो ही किस्तें जारी की हैं। यही नहीं, जारी की गई इन किस्तों का पैसा भी विधायकों की सिफारिश पर जारी नहीं किया जा रहा है।
71 लाख स्वीकृत और 24 लाख ही हुए जारी
जयराम ठाकुर ने अपने विधानसभा क्षेत्र सराज का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने विधायक क्षेत्र विकास निधि से 71.96 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक केवल 24.50 लाख रुपये ही जारी किए हैं। इससे जनता, खासकर पंचायत प्रतिनिधियों का विधायकों पर से भरोसा टूट गया है और विधायकों की बदनामी भी हो रही है।
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उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों ने अपनी इस मांग को लेकर विधानसभा परिसर में धरना भी दिया था। उन्होंने सरकार से विधायक क्षेत्र विकास निधि की तीसरी किस्त तुरंत जारी करने की मांग की।

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